वेदांता एल्युमीनियम बिजनेस ने वित्त वर्ष में 2020-21 में 16.5 अरब लीटर पानी किया रीसाइकिल

0 जल बचाओ परियोजनाओं से इसी अवधि के दौरान 70 करोड़ लीटर से ज्यादा जल संरक्षण करना संभव हुआ
कोरबा ,13 जुलाई (वेदांत समाचार)
भारत में एल्युमीनियम और मूल्य वर्धित उत्पादों के सबसे बड़े उत्पादकवेदांता एल्युमीनियम बिजनेस ने वित्त वर्ष 20-21 के दौरान जल संरक्षण पर निगरानी और नियंत्रण पर केंद्रित टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से 16.5 अरब लीटर पानी को रीसाइकिल किया है। इसकी एलुमिना रिफाइनरी, एल्युमीनियम स्मेल्टर्स और पावर प्लांट्स में पानी की बचत करने वाली परियोजनाओं की मदद से70 करोड़ लीटर जल संरक्षण हुआ है।

वेदांत एल्युमीनियम का संचालन वेदांता सस्टेनेबल डेवलपमेंट फ्रेमवर्क द्वारा निर्देशित होता है, जिसमें इंटरनेशनल फाइनेंशियल कॉरपोरेशन (आईएफसी), इंटरनेशनल काउंसिल फॉर माइनिंग एंड मेटल्स (आईसीएमएम) और ग्लोबल रिपोर्टिंग इनिशिएटिव (जीआरआई) आदिसे जुड़ी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी मैनेजमेंट की गतिविधियों के अनुरूप विकसित तकनीकी और प्रबंधन मानकों व मार्गदर्शन का मजबूती से पालन होता है। कंपनी की जल प्रबंधन नीति पानी की खपत को कम करने की दिशा में कंपनी के प्रयासों का मार्गदर्शन करती है और छठेयूएन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल – स्वच्छ जल एवं स्वच्छता के प्रति वेदांता की प्रतिबद्धता के अनुरूप पानी के पुन: उपयोग और परिचालन के दौरान जीरो लिक्विड डिस्चार्ज को बढ़ावा देती है।

जल संरक्षण परियोजनाओं की सूची मेंवेदांता ने हाल ही में एक और रूफ टॉफ रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की शुरुआत की है। झारसुगुड़ा में अपने कैप्टिव पावर प्लांट में स्थापितरेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में कम से कम 56,000 लीटर पानी की संग्रह क्षमता है। इस पानी का उपयोग संयंत्र के भीतर विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। वेदांता ने लांजीगढ़ क्षेत्र के विभिन्न गांवों में 19 फार्म तालाब विकसित करने के लिए ओडिशा सरकार के मृदा संरक्षण और वाटरशेड विकास विभाग के साथ भी गठजोड़ किया है, जिससे न केवल स्थानीय किसानों को उनकी फसलों की सिंचाई करने में मदद मिल रही है, बल्कि एक्वाकल्चर के रूप में एक समानांतर आजीविका का अवसर भी सृजित हो रहा है।

वेदांता एल्युमीनियम के जल संरक्षण प्रयासों के बारे में श्री राहुल शर्मा, सीईओ – एल्युमीनियम बिजनेसने कहा, “वेदांता एल्युमीनियम बिजनेस मेंहमारे सभी व्यावसायिक निर्णय ‘जीरो हार्म, जीरो वेस्ट और जीरो डिस्चार्ज’ के मूल सिद्धांतों के आधार पर संचालित होते हैं। जल प्रबंधन को लेकर हमारी सोच इस पर केंद्रित है कि जल एक साझा संसाधन है, जो हमारे आसपास की पारिस्थितिकी और समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है। हमारा जल प्रबंधन मानक भविष्य में होने वाले परिवर्तनों के आकलन के साथ-साथ स्थानीय जल उपलब्धता की स्ट्रक्चर्ड ट्रैकिंग और मॉनीटरिंग की रूपरेखा तैयार करता है। हमने एक मजबूत जल प्रबंधन प्रणाली स्थापित की है, जिसमें इन सब बातों का ध्यान रखा जाता है।”

वेदांता एल्युमीनियम ने अपनी वैल्यू चेन में पानी की खपत को बेहतर रखने,रीसाइकिलिंग करने व रीसाइकिल किए हुए पानी के प्रयोग को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। ताजे पानी के संरक्षण की दिशा मेंऔर पानी की अधिकतम रीसाइकिलिंग एवं रीयूज को सुनिश्चित करने के लिएकंपनी ने कई अहम उपाय किए हैं, जैसे:

· संभावित पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव को समझने के लिए सभी व्यावसायिक इकाइयों में वाटर-स्क्रीनिंग असेसमेंट करनाऔरजीरो डिस्चार्ज ऑपरेशन सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियंत्रण उपायों को विकसित और कार्यान्वित करना।

· सभी परियोजनाओं के लिए निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में जल प्रबंधन को शामिल करना।

· प्रत्येक व्यावसायिक इकाई के लिए स्पष्ट रूप से परिभाषित जल मानकों की निरंतर और ऑनलाइन निगरानी।

· नियमित रूप से पानी की खपत से संबंधित ऑडिटऔर लगातार बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय।

·एससीएडीए (पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण) प्रणाली के माध्यम से मेन प्रोसेस वाटर पाइप वाल्व की निगरानी और नियंत्रण।

·अल्ट्रा फिल्ट्रेशन (यूएफ) और रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) उपकरण के साथ अत्याधुनिक एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) के माध्यम से रीसाइकिल किए गए पानी के उपयोग को बढ़ाते हुए ताजा पानी के इस्तेमाल का नियंत्रित करना।

· रिसाइकल किए गए पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए वाटर सॉफ्टनर सहित हाई-एंड ट्रीटमेंट।

· विशिष्ट जल खपत में कमी को प्रत्येक व्यावसायिक इकाई के लिए एक महत्वपूर्ण प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (की परफॉर्मेंस इंडिकेटर – केपीआई) के रूप में स्थान दिया गया है।

· आकस्मिक परिस्थतियों के दौरान जल स्रोत के लिए साइट पर जलाशयों का निर्माण किया गया है।

· सभी साइट्स पर अत्यधिक वर्षा सहित मौसम की स्थितियों के लिए रेस्पॉन्स प्लान तैयार किए गए हैं।

· वेदांता गर्मी के महीनों के दौरान आसपास के समुदायों को पीने के पानी की आपूर्ति में स्थानीय प्रशासन की सहायता करके, अच्छी गुणवत्ता वाले पानी तक पहुंच में स्थानीय समुदायों का सहयोग भी करती है।

·सिंचाई क्षमता को बढ़ाने और फसल के लिए मानसून पर निर्भरता को कम करने के लिए स्थानीय किसानों को ड्रिप-सिंचाई, ट्रेडल पंप, सौर ऊर्जा से चलने वाले पानी के पंप, वर्षा जल संचयन संरचनाओं जैसे परकोलेशन टैंक आदि को अपनाने में मदद करना।

·कंपनी ने पानी से संबंधित कई सामुदायिक बुनियादी ढांचों जैसे नलकूप, बोरवेल, तालाब, परकोलेशन टैंक आदि का निर्माण किया है, ताकि आसपास के लोगों को घरेलू और सिंचाई के लिए पानी तक पहुंचने में मदद मिल सके।

वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्युमीनियम बिजनेस भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक है। वित्त वर्ष 2020-21 में 19.6 लाख टन सालाना (एमटीपीए) की क्षमता के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्युमीनियम का लगभग आधा हिस्सा उत्पादित किया। वेदांता मूल्य वर्धित एल्युमीनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है, इन उत्पादों का प्रयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। देशभर में अपने विश्वस्तरीय स्मेल्टर्स, पावर प्लांट्स, एलुमिना रिफाइनरी और पावर प्लांट्स के साथ कंपनी एक हरित कल के लिए विभिन्न कार्यों में एल्युमीनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ‘मेटल ऑफ द फ्यूचर’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन को पूरा करती है।ता एल्युमीनियम बिजनेस ने वित्त वर्ष में 2020-21 में 16.5 अरब लीटर पानी किया रीसाइकिल

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