बिलासपुर 13 जुलाई (वेदांत समाचार) श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकंडा में गुप्त नवरात्र उत्सव पर्व पर श्री पीताम्बरा मांँ बगलामुखी देवी का विशेष पूजन श्रृंगार, देवाधिदेव महादेव का रूद्राभिषेक, महाकाली महालक्ष्मी, महासरस्वती,राजराजेश्वरी, त्रिपुर सुंदरी देवी का श्री सूक्त षोडश मंत्र द्वारा दूधधारियापूर्वक अभिषेक किया गया,एवं प्रतिदिन किया जाएगा।श्री मनोकामना ज्योति ब्रह्म मुहूर्त में प्रज्वलित किया गया।पीताम्बरा पीठ के आचार्य पंडित दिनेश चंद्र जी महाराज ने बताया कि बगलामुखी को “ब्रह्मास्त्र” के नाम से भी जाना जाता है, ऐहिक या परालौकिक देश अथवा समाज में दुःखद अरिष्टो के दमन व शत्रु के शमन में बगलामुखी के समान कोई मंत्र नहीं है। चिरकाल से मानव इन्हीं महादेवी का आश्रय लेते आ रहे हैं। इन्हें बडवामुखी, जातवेदमुखी,उल्कामुखी ,ज्वालामुखी तथा बृहदभानुमुखी पांच मंत्र भेद हैं। कुंडीका तंत्र में बगलामुखी के जप के विधान पर विशेष प्रकाश डाला गया है, मुण्डमाला तंत्र में कहा गया है कि इन की सिद्धि के लिए नक्षत्रादि विचार और कालशोधन की भी आवश्यकता नहीं है।
देवी की उपासना विशेष रूप से वाद-विवाद,शास्त्रार्थ, मुकदमे में विजय प्राप्त करने के लिए, अधिकारी को अनुकूल करने के लिए, कोई आप पर अकारण अत्याचार कर रहा हो तो उसे रोकने सबक सिखाने के लिए, असाध्य रोगों से छुटकारा पाने के लिए, बंधन मुक्त, संकट से उद्धार,उपद्रवो की शांति,ग्रह शांति, एवं संतान प्राप्ति के लिए विशेष फलदाई है।
भगवती बगला पीताम्बरा स्वर्ण पीठ पर विराजमान एक हाथ में मुदगर तथा दूसरे हाथ में शत्रु की जीभ पकड़े हुए हैं।इन्हें सिद्ध विद्या भी कहा जाता है।यह शीघ्र फल प्रदान करने वाली है अतः कलयुग में इनकी उपासना की जाती है। एवं विद्वान ब्राह्मणों के द्वारा नित्य प्रतिदिन पीताम्बरा जपात्मक यज्ञ संपन्न होगा। 17 जुलाई 2021 शनिवार को अष्टमी हवन ,एवं 18 जुलाई 2021 रविवार नवमी को कन्या पूजन, हवन एवं पूर्णाहुति आदि कार्य संपन्न होगा। मांँ बगलामुखी देवी को पीला फल,पीला प्रसाद, पीला वस्त्र एवं अनेक प्रकार की पीला पूजन सामग्री द्वारा ही मांँ का पूजन किया जाता है। सभी कार्य आचार्य दिनेश चंद्र जी महाराज के मार्गदर्शन में संपन्न होंगे।
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