0 पोंडी बीईओ ने पिपरिया के शिक्षक को लैंगी कर दिया था संलग्न
कोरबा 12 जुलाई (वेदांत समाचार) कोरबा जिले के शिक्षा विभाग में मिलीभगत से संलग्नीकरण अब नहीं चलेगी। नियम विरुद्ध निजी स्वार्थ के लिए किए गए मौखिक आदेश पर एक शिक्षक के किए गए संलग्नीकरण को लेकर कलेक्टर ने डीईओ को कड़े शब्दो में नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि किसके आदेश से संलग्नीकरण किया गया। साथ ही भविष्य में बिना कलेक्टर के अनुमोदन के संलग्नीकरण न किए जाने का आदेश जारी कर फरमान सुनाया है। कलेक्टर के कड़े रुख के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। डीईओ ने तत्काल सभी बीईओ को उक्त आदेश से अवगत कराते हुए नियमों का पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
शिक्षा विभाग में एकल शिक्षकीय स्कूलों में पठन पाठन की व्यवस्था बनाए रखने समय समय पर जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर अतिशेष शिक्षकों का व्यवस्था अंतर्गत संलग्नीकरण किया जाता रहा है। लेकिन इस व्यवस्था की आड़ में शिक्षा विभाग में संलग्नीकरण की दुकानदारी चल रही है। पिछले 3 सालों में 300 से अधिक शिक्षकों का संलग्नीकरण कर दिया गया। जबकि शासन स्तर पर विशेष परिस्थितियों को छोंड संलग्नीकरण पूर्णतः समाप्त कर दी गई है। बावजूद इसके दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में पदस्थ शिक्षकों को शहर से लगे स्कूलों ,सुविधाजन्य स्कूलों में संलग्न करने का व्यापार चल रहा है । इससे ग्रामीण अंचलों के स्कूलों की अध्यापन व्यवस्था प्रभावित होती है । शिक्षक संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने कलेक्टर रानू साहू से मिलकर इसकी दस्तावेजमय जानकारी सौंपते हुए उचित कार्यवाई का आग्रह किया था। कलेक्टर ने इसे गम्भीरता से लेते हुए डीईओ को फटकार लगाते तत्काल संलग्नीकरण समाप्त करने के निर्देश दिए थे।कलेक्टर के कड़े रुख के बाद डीईओ ने संलग्नीकरण कुछ विशेष कृपा प्राप्त शिक्षकों को छोंड़ संलग्नीकरण समाप्त कर दिया था । लेकिन बीईओ के माध्यम से गोपनीय तरीके से संलग्नीकरण की दुकानदारी अभी भी चलाई जा रही है।
हाल ही में 5 जुलाई को पोंडी उपरोड़ा बीईओ एल एस जोगी ने शासकीय माध्यमिक शाला पिपरिया में पदस्थ शिक्षक रामअवतार बघेल द्वारा स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देकर नजदीकी स्कूलों में संलग्न किए जाने सम्बन्धी प्राप्त आवेदन के आधार पर उन्हें आगामी आदेश पर्यन्त एकल शिक्षकीय माध्यमिक शाला लैंगी में अध्यापन कार्य हेतु संलग्न कर दिया था। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के संज्ञान में यह बात सोमवार को आते ही उन्होंने कड़ी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने नोटिस जारी कर पूछा है कि सम्बंधित शिक्षक का संलग्नीकरण किसके आदेश से किया गया है। उन्होंने भविष्य में कलेक्टर के अनुमोदन के बिना संलग्नीकरण न किए जाने का फरमान सुनाया है।
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