रायपुर. लेमरू एलिफेंट रिजर्व का भविष्य क्या होगा, इस पर अब भी संशय की स्थिति बनी हुई है। लेमरू एलिफेंट रिजर्व को लेकर जहां क्षेत्रफल कम करने की सुगबुगाहट है, वहीं प्रोजेक्ट तैयार करने वाले अफसरों का कहना है कि उन लोगों ने लेमरू एलिफेंट रिजर्व बनाने 1995.48 किलोमीटर का क्षेत्रफल चिन्हांकित कर प्रोजेक्ट तैयार कर प्रस्ताव शासन के पास भेजा है। इस पर अंतिम निर्णय शासन स्तर पर होगा। गौरतलब है, पिछले महीने स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक के एजेंडा में लेमरू एलिफेंट रिजर्व चर्चा में शामिल था। वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में इस मामले को लेकर किसी भी तरह से कोई चर्चा नहीं होने से लेमरू का क्षेत्रफल घटाए जाने को लेकर बोर्ड के सदस्यों के बीच चर्चा शुरू हो गई थी। इसी बीच वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अवर सचिव केपी राजपूत का पत्र वायरल होने से लेमरू एलिफेंट रिजर्व का क्षेत्रफल कम होने की बात को बल मिला। एलिफेंट रिजर्व के विस्तार को लेकर कई विधायकों ने विरोध किया है। इस वजह से आशंका व्यक्त की जा रही थी कि लेमरू एलिफेंट रिजर्व को लेकर नए सिरे से प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है।
कोई नई रिपोर्ट तैयार नहीं हो रही
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ पीवी नरसिंग राव के मुताबिक लेमरू प्रोजेक्ट को लेकर विभाग द्वारा कोई नया प्रोजेक्ट तैयार नहीं किया जा रहा है। उनके विभाग ने पूर्व में शासन के पास रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट में 1995.48 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल को एलिफेंट रिजर्व बनाने का प्रस्ताव है। विभाग द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर अब शासन ही तय करेगा कि एलिफेंट रिजर्व को घटाना है या बढ़ाना।
क्या है लेमरू प्रोजेक्ट
अंबिकापुर, सरगुजा, कोरबा, धरमजयगढ़ तथा रायगढ़ में मानव-हाथी द्वंद्व को रोकने हाथियों के लिए एक अलग से रहवास केंद्र विकसित करने पूर्ववर्ती राज्य सरकार के साथ तत्कालीन राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में निर्णय लिया था। हाथी रहवास केंद्र में हाथियों के लिए पर्याप्त भोजन की उपलब्धता हो सके तथा उन्हें पर्याप्त पानी मिले सके। ऐसी व्यवस्था करने राज्य सरकार ने वन विभाग को निर्देशित किया था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए वन विभाग के अफसरों ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की।
शासन स्तर पर निर्णय
लेमरू एलिफेंट रिजर्व के संबंध में हमने प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी है। प्रोजेक्ट के अनुसार 1995.48 वर्ग किलोमीटर में एलिफेंट रिजर्व बनेगा। क्षेत्र घटाने या बढ़ाने की निर्णय शासन स्तर पर होगा।
-पीवी नरसिंग राव, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ
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