इंदौर । कोविड महामारी के दौरान देशभर में 1372 चिकित्सकों की मौत हुई हैं। गुरुवार को चिकित्सक दिवस के मौके पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की इंदौर शाखा द्वारा दिवंगत चिकित्सकों को याद किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
आनलाइन हुए कार्यक्रम में वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन (डब्ल्यूएमए) के कोषाध्यक्ष एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. रवि वानखेड़ेकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इनके अलावा चेन्नई स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) कालेज ऑफ़ जनरल प्रैक्टिशनर्स के डीन डा. नटवर शारदा भी अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस आनलाइन कार्यक्रम में डा. रवि वानखेड़ेकर ने बताया कि चिकित्सकों ने सैनिक की भांति पूरे देश में अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन किया और कभी-भी पीछे कदम नहीं हटाया। आज समाज को यह समझने की आवश्यकता है कि चिकित्सकों पर होने वाले हिंसात्मक प्रहार का निषेध होना चाहिए ताकि ‘बचाने वाले को बचाओ” जैसे अभियान को चलाने की जरूरत आइएमए को न करना पड़े। यह संघर्ष का दौर है और महामारी के इस दौर में समाज का दायित्व है कि आमजन भी अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी को भी समझते हुए छोटे-छोटे प्रयासों द्वारा इस बीमारी के प्रभावी नियंत्रण की मुहिम को जारी रखे।
कार्यक्रम में आइएमए इंदौर शाखा के अध्यक्ष डा. सतीश जोशी, मानद सचिव डा. साधना सोडाणी, राज्य अध्यक्ष, डा.अनिल भाटिया तथा डा. सुमित शुक्ला भी उपस्थित थे। कोविड के कारण एमजीएम मेडिकल कालेज से पास हुए करीब 30 चिकित्सकों का इस वर्ष जनवरी से अब तक निधन हो चुका है।
[metaslider id="347522"]