एचएमपीव्ही (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) रोग के रोकथाम एवं बचाव के उपाय

जांजगीर-चांपा 12 फरवरी 2025/ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जिला अस्पताल की ओपीडी में आने वाले एवं आईपीडी में भर्ती सभी आई.एल.आई. (इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी) एवं एसएआरआई (गंभीर तीव्र श्वसन संबंधी बीमारी) के प्रकरणों की दैनिक निगरानी जिला सर्विलेंस इकाई आईडीएसपी शाखा द्वारा किया जा रहा हैं। समय-समय पर शासन से प्राप्त दिशा-निर्देश का बचाव व रोकथाम हेतु व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है।


ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस की सामान्य लक्षण खॉसी, नाक बहना, गले में खराश, जलन या कुछ मामले में सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस संक्रमण होने एवं लक्षण उत्पन्न होने के बीच के समय (इन्क्यूबेशन पीरियड) सामान्यतः 3 से 6 दिन का होता है। जो खांसने या छीकने से निकलने वाले ड्रापलेटस, संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने से अथवा नजदीकी संपर्क में आने से, दूषित सतह पर हाथ लगाने पश्चात, मुॅंह, नाक या ऑखों को छूने से फैल सकता है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के रोकथाम हेतु साबुन और पानी से हाथ धोने, अस्पताल या भीड-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का उपयोग करने, बिना धुले हाथों से आंख, नाक या मुंह को छूने से बचने, बीमार लोगों के निकट संपर्क से बचने, खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रुमाल से ढकने एवं श्वसन तंत्र संबंधी लक्षण/बीमारी होने पर घर पर ही रहने को कहा गया। एम्स रायपुर में इसकी जॉंच सुविधा उपलब्ध है। इस के उपचार हेतु पानी का सेवन प्रचुर मात्रा में करने, भरपूर आराम श्वसन संबंधित लक्षण के लिए दवाईयों का सेवन चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार करने कहा गया है। शासन के दिशा-निर्देश के अनुसार एचएमपीव्ही के लिए किसी भी प्रकार के विशिष्ट एंटीवायरल ट्रीटमेंट व वैक्सीन के आदेश नही दिये गये है।