नागौर,11 फ़रवरी 2025 / खींवसर थाना इलाके के बिरलोका गांव में सोमवार रात लुटेरों ने ATM तोड़ने की कोशिश की। ग्रामीणों ने तोड़फोड़ की आवाज सुनी तो शोर मचा दिया। इससे लुटेरे भाग गए। घटना की सूचना पर खींवसर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
खींवसर थानाधिकारी रामनारायण भांवरिया ने बताया- आज सुबह तड़के करीब 3.30 बजे 3-4 बदमाश स्कॉर्पियो कार में बिरलोका में लगे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम पर पहुंचे। इसके बाद बदमाशों ने एटीएम के गार्ड को धमकाया और लोहे की चेन से एटीएम से बांधकर उखाड़ लिया।
गार्ड ने दिखाई हिम्मत, हल्ला मचाया तो जागे ग्रामीण
इसी बीच एटीएम गार्ड ने हल्ला मचाया तो ग्रामीण जाग गए। ग्रामीणों की आवाज सुनकर बदमाश एटीएम छोड़कर भाग निकले। एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे को बदमाशों ने तोड़ दिया, हालांकि सीसीटीवी तोड़ने से पहले की फुटेज की सीडीआर को पुलिस जुटाने में लगी है।
पुलिस ने जिलेभर में संदिग्ध स्कॉर्पियो कार और गार्ड के बताए हुलिए के आधार पर बदमाशों की तलाश कर रही है। वारदात के बाद सीओ रामप्रताप विश्नोई ने भी मौका मुआयना किया। बिरलोका गांव में हुई घटना में सीसीटीवी फुटेज मिलने की संभावना कम नजर आ रही है। बैंक प्रशासन ये भी जांचने में जुटा है कि एटीएम में घटना के वक्त कितनी नकदी रखी हुई थी।
इसी एटीएम को पहले भी उखाड़ा था, 31 लाख हुए थे पार
खींवसर के बिरलोका गांव के इसी एटीएम को 23 सितंबर 2023 को इसी एटीएम को उखाड़ ले गए थे। तब इसमें 31 लाख 76 हजार रुपए थे। इसके बाद इसी गैंग ने नागौर के जोधियासी गांव (24 लाख 26100 रुपए ) में भी एटीएम उखाड़ने की वारदात की थी। दोनों एटीएम मिलाकर 56 लाख की लूट हुई थी। तीसरी वारदात इस गैंग ने चूरू में की थी।
चूरू पुलिस ने गैंग के एक आरोपी नरेश उर्फ दिनेश कुमार को गिरफ्तार किया था। नरेश अलवर के बाजौली थाना क्षेत्र के रैणी गांव का निवासी है। मार्च 2024 में नागौर की श्रीबालाजी थाना पुलिस नरेश कुमार को राजगढ़ (चूरू) की जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर नागौर लाई। तब नरेश ने गैंग के तरीकों का खुलासा किया था।
नरेश ने बताया था- बिरलोका, जोधियासी और चूरू में एक के बाद एक 3 एटीएम उखाड़ने की वारदातों एक ही गैंग ने की थी। गैंग में 6 बदमाश थे। सभी बदमाश पढ़े-लिखे हैं, वारदात को सुनियोजित ढंग से अंजाम देते हैं। ये सभी अलवर, सीकर और नीमकाथाना के हैं। वारदात में चोरी की कार काम में लेते हैं।
वारदात से पहले रात 12 से 2 बजे के बीच रेकी करते हैं। इसके बाद 2 जने बाहर रुकते हैं। दो एटीएम में घुसते हैं। मशीन व कैमरों पर स्प्रे कर हुए मशीन को जंजीर से बांधकर कार से खींचकर उखाड़ ले जाते हैं। वारदात के वक्त मोबाइल नहीं ले जाते। वापसी के लिए कच्चे रास्तों को चुनते है, जहां सीसीटीवी कैमरे न हों। वारदात सफल होने के बाद सभी चुराई हुई राशि को आपस में बांट लेते हैं।