महाकुंभ मेले में जगद्गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अध्यक्षता में आयोजित परमधर्म संसद में रविवार को राहुल गांधी के खिलाफ एक प्रस्ताव परित किया गया। जिसकी जमकर चर्चा हो रही है।
दरअसल, महाकुंभ में आयोजित परमधर्म संसद में राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने का प्रस्ताव पारित किया गया। आइए जानते हैं आखिर क्या वजह है जिसके कारण परमधर्म संसद में राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने का प्रस्ताव पारित किया है।
धर्मसंसद ने राहुल गांधी द्वारा मनुस्मृति जिस पर करोड़ों हिंदू धर्म मानने वालों की आस्था और उनका पूजनीय ग्रंथ है, उसके बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणियों के कारण हिंदू समुदाय से बहिस्कृत करने का निर्णय सुनाया है।
धर्म संसद ने राहुल गांधी से पूछा- क्यों बाेली ऐसी बात
धर्म संसद ने राहुल गांधी द्वारा मनुस्मृति पर की गई टिप्पणियों पर गंभीर आपत्ति जताते हुए मांग की कि वो अपने बयान वापस लें और एक महीने के अंदर अपनी आलोचना का औचित्य बताएं।
बता दें राहुल गांधी का मनुस्मृति को लेकर बयान जमकर वायरल हो रहा है जिसकी जमकर निंदा की गई क्योंकि इससे लाखों श्रद्धालु आहत हुए हैं। उन्हें अपने बयानों को सही ठहराने और यह बताने के लिए एक महीने का समय दिया गया है कि उन्हें हिंदू धर्म से क्यों नहीं निकाला जाना चाहिए।
महाकुंभ मेले के धार्मिक और आध्यात्मिक समागम के बीच पारित किए गए प्रस्ताव हिंदू धर्म के लिए हानिकारक माने जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की गई। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अगुआई में आयोजित इस धर्म संसद ने अमेरिकी प्रशासन द्वारा हिंदू बंदियों के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार और उन्हें गोमांस परोसने की भी निंदा की गई। इसके लिए धर्म संसद ने राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रशासन से आधिकारिक माफ़ी की मांग भी की है। आइए जानते हैं आखिर क्या वजह है जिसके कारण परमधर्म संसद में राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने का प्रस्ताव पारित किया है।