मध्यप्रदेश,7 फ़रवरी 2025। उमरिया जिले में बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य (बीटीआर) के बफर जोन में बृहस्पतिवार को एक वयस्क बाघ की ‘इलेक्ट्रिक ट्रैप’ में फंसकर मौत हो गई। मृत बाघ नदी के किनारे दबा हुआ मिला। वन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। बीटीआर के क्षेत्रीय निदेशक अनुपम सहाय ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जंगली सूअर का शिकार करने के लिए पनपथा वनक्षेत्र में दो आदिवासियों रामचरण कोल और पांडु कोल द्वारा बिछाए गए बिजली के करंट वाले तार में यह बाघ फंस गया और उसकी मौत हो गयी।
सहाय ने बताया कि सड़े हुए बाघ के शरीर के सभी अंग बरकरार पाए गए, जिससे पता चलता है कि यह निशाना नहीं था। अधिकारी ने बताया कि बाघ की मौत तीन-चार दिन पहले हो गई थी और डर के कारण दोनों लोगों ने मृत बाघ को सुखदास गांव के पास भदर नदी के किनारे दफना दिया था। सहाय ने बताया कि रामचरण कोल और पांडु कोल को गिरफ्तार कर लिया गया है।