CG BREAK: रावा में 07 महीने पूर्व 23.78 लाख के निर्मित सीसी सडक़ से बालू और गिट्टी उखडक़र बिखर रहे… जगह- जगह पड़ी दरारे

कोरबा,30 जनवरी 2025 (वेदांत समाचार)। पोड़ी उपरोड़ा एक ओर शासन- प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए लाखों- करोड़ों खर्च करते हुए विकास के मिशन पर काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर पंचायत के जवाबदार व संबंधित अधिकारी मिशन में ही कमीशन तलाश कर गांवों को खोखला करने में तुले हुए है। जिससे विकास बनाम निर्माण कार्यों के पैसों का एक बड़ा हिस्सा इनकी मिलीभगत से कमीशनखोरी में चला जा रहा और निर्माण कार्य भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ जा रही है। जिला खनिज न्यास मद से गांव के विकास के लिए स्वीकृत कार्यों का हाल भी बेहद बुरा है। रावा में 07 माह पहले 23.78 लाख की लागत से दो स्थानों पर बनी सीसी रोड में भी घटिया निर्माण के चलते निर्माण के बाद दरारें आने के साथ ही उखडऩे लगी है।

जिसे लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है और उन्होंने सरपंच- सचिव व अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पोड़ी उपरोड़ा जनपद के ग्राम पंचायत रावा में 07 माह पूर्व ही दो स्थानों पर सीसी रोड का निर्माण कार्य किया गया है। पहला निर्माण मुख्यमार्ग स्थित बोधन घर से सरपंच घर की ओर, जिसकी लंबाई 537 मीटर व लागत राशि 19.50 लाख है, वहीं दूसरा निर्माण मुख्यमार्ग से उप स्वास्थ्य केंद्र तक है। जिसकी लागत राशि 4.28 लाख और लंबाई 1.50 मीटर है। इसमें निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत के पदाधिकारी व संबंधित विभागीय अधिकारियों के आपसी सांठगांठ से निर्माण कार्य मे जमकर अनियमितता बरती गई है। बनने के बाद ही सीसी रोड में जगह- जगह दरारें आ गई है तो गिट्टी उखडऩे भी लगी है, जो किसी से छिपी नही है। ऐसे में उक्त निर्माण को लेकर अब निवर्तमान सरपंच सुमेंद सिंह कमरों व सचिव सूर्यकांत कश्यप के अलावा निरीक्षण करने वाले आरईएस के एसडीओ, मूल्यांकन करने वाले इंजीनियर और भुगतान जारी करने वाले जनपद सीईओ की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे है।

जानकार ग्रामीणों के मुताबित सीसी सडक़ निर्माण में किसी भी तरह के निर्देशों का पालन नही किया गया। निर्माण के दौरान मानक को दरकिनार कर सामाग्री की गुणवत्ता का ध्यान नही रखा गया, सीमेंट की जगह बालू और गिट्टी का ही ज्यादा इस्तेमाल किया गया। सीसी रोड निर्माण के पहले जमीन में पालीथिन बिछाई जाती है। निर्धारित अनुपात में सीमेंट, रेत, गिट्टी का मिश्रण कर ढलाई की जाती है। इसके बाद उसे समतल करने के लिए वाइब्रेटर मशीन चलाया जाता है। मगर यहां बिना पालीथिन बिछाए ढलाई कर दी गई है।

वही पर्याप्त मात्रा में सीमेंट भी नही मिलाया गया है। जिससे सडक़ में मजबूती नही है। इसके अतिरिक्त सीसी सडक़ निर्माण के समय उसका स्तर बराबर होना चाहिए, मगर यहां सडक़ बनाते समय समतल न बनाकर ऊपर नीचे कर दिया गया है। नतीजतन सडक़ 07 महीने में ही बर्बाद होने लगी है। रोड में पानी तराई नही होने से जहां जगह- जगह से दरार पड़ गई है तो इस सडक़ पर बालू और गिट्टी उखडक़र बिखर रहे है। सीसी रोड बनने पर स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि अब उन्हें आवागमन में सुविधा होगी, मगर 07 महीने में सडक़ का यह हाल है तो आने वाले दिनों में क्या होगा समझा जा सकता है। ग्रामीणों का कहना है


कि सरकार और प्रशासन गांव का विकास चाहती है, लेकिन सरपंच और सचिव के साथ अधिकारी ही योजनाओं को बर्बाद कर रहे है। जेबें भरने की मंशा से गुणवत्ताहीन किये गए सीसी रोड निर्माण को लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है और उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जिला प्रशासन से अपेक्षित मांग की है।