प्रयागराज से जितनी जरूरत हो उतनी ट्रेन चलाएं : मंत्री अश्विनी वैष्णव

नई दिल्ली,30 जनवरी 2025। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में हुई भगदड़ के बाद, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को ट्रेन सेवाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रयागराज में यात्रियों की बढ़ती जरूरतों के हिसाब से ट्रेनें चलाई जाएं।  रेल मंत्रालय के प्रेस नोट के अनुसार, महाकुंभ में भगदड़ के बाद रेल मंत्री वैष्णव ने यात्रियों की सुविधाओं औऱ ट्रेन संचालन की निगरानी के लिए रेल भवन में स्थापित 24×7 वॉर रूम का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ट्रेन सेवाओं की समीक्षा की।


जरूरतों के हिसाब से ट्रेन संचालन का निर्देश
रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने कहा कि रेल मंत्री वैष्णव ने अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने और योजना के साथ-साथ बढ़ती जरूरतों के हिसाब से ट्रेनों का संचालन करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि रेलवे मौजूदा परिदृश्य से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।


पूरे दिन वॉर रूम में उपस्थित रहे रेलवे बोर्ड अध्यक्ष


प्रेस नोट में यह भी बताया गया कि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार ने ट्रेन संचालन की निगरानी के लिए पूरे दिन वॉर रूम में मौजूद रहकर सुनिश्चित किया कि प्रयागराज से ट्रेन सेवाओं को उच्च प्राथमिकता दी जाए। प्रेस नोट में बताया गया कि मौनी अमावस्या के अवसर पर बुधवार को महाकुंभ के संगम क्षेत्र में हुई भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए।

रेलवे बोर्ड ने कवच के कार्यान्वयन और कार्यप्रणाली के लिए नियम बनाए
 रेलवे के दक्षिण मध्य जोन में 1465 किलोमीटर लंबे मार्ग पर स्वचालित सुरक्षा प्रणाली (एटीपी) कवच को तैनात करने के दो साल बाद रेलवे बोर्ड ने इसे 1989 के रेलवे अधिनियम में शामिल कर लिया है। साथ ही इसकी कार्यप्रणाली के लिए नियम बनाए हैं। कवच को जुलाई, 2020 में राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के रूप में अपनाया गया था। इसे पहली बार 2023 में दक्षिण मध्य रेलवे में 1465 किमी मार्ग पर तैनात किया गया था।

सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि इस तैनाती से इसकी कार्यप्रणाली और अनुकूलन के बारे में समझ विकसित करने में मदद मिली। इससे इसके कार्यान्वयन के लिए नियम बनाने में सहायता मिली है। सरकार ने 2 जनवरी को एक गजट अधिसूचना के माध्यम से, रेलवे अधिनियम 1989 में संशोधन करके कवच को परिभाषित किया गया। बोर्ड ने कवच परिचालन क्षेत्र में इसकी कार्यप्रणाली और सुरक्षा विभाग की भूमिका के बारे में अलग से नए नियम बनाए।