उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की अगुवाई वाली सरकार ने सोमवार को दोपहर 12.30 बजे समान नागरिक संहिता लागू कर दिया. एक समारोह में सीएम धामी ने यूसीसी के पोर्टल का उद्घाटन किया. देहरादून स्थित मुख्य सेवक सदन में सीएम धामी ने मंत्रियों, सांसदों और अधिकारियों की मौजूदगी में यूसीसी पोर्टल का उद्घाटन किया. इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है.
सीएम धामी ने जिस पोर्टल का उद्घाटन किया है वो- ucc.uk.gov.in है. इस पोर्टल के जरिए लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन और उसे तोड़ने की जानकारी दी जा सकेगी. इस पोर्टल पर यूसीसी का पूरा कानून हिन्दी और अंग्रेजी में उपलब्ध है.
इस पोर्टल के जरिए सर्टिफिकेट को डाउनलोड और वेरिफाई दोनों किया जा सकता है. राज्य के निवासी के तौर पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको पोर्टल पर apply Now पर क्लिक करना होगा.
23 भाषाओं में कर सकते हैं एक्सेस
अगर आपके पास UCC ID नहीं है तो आपको रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. यहां साइन अप करने के लिए आपको आधार नंबर या आधार के वर्चुअल आईडी की जानकारी देनी होगी. अपना आधार कार्ड नंबर देने के बाद आपसे तीन चीजों पर अनापत्ति मांगी जाएगी. आपकी अनापत्ति के बाद जब आप साइन अप करेंगे तो आपको आधार से रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी आएगा. इसके बाद आपको ओटीपी वेरिफाई करना होगा.
आप रजिस्ट्रेशन ऑफलाइन भी करा सकते हैं जिसमें आधार ऑथेंटिकेशन की जरूरत नहीं होगी. ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आपको मोबाइल नंबर देना होगा जिस पर ओटीपी आएगा और आगे की प्रक्रिया शुरू होगी.
लिव इन के मामलों में अब क्या होगा?
संहिता लागू होने से पहले से स्थापित लिव इन रिलेशनशिप का, संहिता लागू होने की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा. जबकि संहिता लागू होने के बाद स्थापित लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण, लिवइन रिलेशनशिप में प्रवेश की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा.
लिव इन समाप्ति – एक या दोनों साथी आनलाइन या ऑफलाइन तरीके से लिव इन समाप्त करने कर सकते हैं. यदि एक ही साथी आवेदन करता है तो रजिस्ट्रार दूसरे की पुष्टि के आधार पर ही इसे स्वीकार करेगा. यदि लिव इन से महिला गर्भवती हो जाती है तो रजिस्ट्रार को अनिवार्य तौर पर सूचना देनी होगी. बच्चे के जन्म के 30 दिन के भीतर इसे अपडेट करना होगा.
विवाह विच्छेद के मुद्दे पर क्या होगा?
तलाक या विवाह शून्यता के लिए आवेदन करते समय, विवाह पंजीकरण, तलाक या विवाह शून्यता की डिक्री का विवरण अदालत केस नंबर, अंतिम आदेश की तिथि, बच्चों का विवरण कोर्ट के अंतिम आदेश की कॉपी यहां से मिल सकेगी.
वसीयत आधारित उत्तराधिकार
वसीयत तीन तरह से हो सकेगी. पोर्टल पर फार्म भरके, हस्तलिखित या टाइप्ड वसीयड अपलोड करके या तीन मिनट की विडियो में वसीयत बोलकर अपलोड करने के जरिए यह काम हो सकेगा..
सीएम धामी द्वारा उद्घाटन किए गए पोर्टल को 23 भाषाओं में एक्सेस कर सकते हैं. बता दें साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने वादा किया था कि वह यूसीसी लागू करेगी. जब धामी सरकार दोबारा चुनी गई उसके बाद यूसीसी पर काम शुरू हो गया था.