एपल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने हाल ही में प्रयागराज में महाकुंभ मेले में भाग लिया. वह अपने पति की इच्छा को पूरा करने के लिए प्रयागराज आई. हालांकि, स्वास्थ्य कारणों की वजह से उन्होंने संगम में डुबकी नहीं लगाई. लेकिन उनकी उपस्थिति पूरे कुंभ में चर्चा का विषय बनी रही.
संगम में स्नान न करके भी उन्होंने 93 साल पुराना रिकॉर्ड तोड दिया है.
दरअसल, स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन जॉब्स प्रयागराज एक अंतरराष्ट्रीय विमान से पहुंची, जिसनें 93 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया. प्रयागराज के हवाई हड्डे पर 93 साल पहले कोई अंतरराष्ट्रीय विमान उतरा था. लॉरेन को लेकर भूटान एयरवेज का विमान प्रयागराज हवाई अड्डे पर उतरा. महाकुंभ मेले में भाग लेने के बाद, वह उसी उड़ान से भूटान लौटी. यह घटना हवाई अड्डे के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुई, क्योंकि यह प्रयागराज की 93 वर्षों में पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान थी. लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने प्रयागराज में लगे भव्य महाकुंभ मेले को देखा और गंगा मां के दर्शन किए.
स्टीव जॉब्स की इच्छा और मित्र को उनका पत्र
दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी एपल के को- फाउंडर स्टीव जॉब्स ने 23 फरवरी 1974 को अपने बचपन के दोस्त टिम ब्राउन को एक लेटर लिखा था, जिसमें उन्होंने भारत में होने वाले कुंभ में आने की इच्छा जताई थी. उन्होंने लेटर में लिखा था कि मैं कुंभ मेले के लिए भारत जाना चाहता हूँ, जो अप्रैल में शुरू होता है. मैं मार्च में किसी समय जाउंगा,अभी निश्चित नहीं हूं. हाल ही में स्टीव जॉब्स के मित्र को लिखे पत्र की नीलामी हुई, जिसे 4.32 करोड़ रुपये में मिले.
स्टीव जॉब्स की इच्छा को पूरा करने के लिए ही उनकी पत्नी महाकुंभ आईं और उनके आने से एक रिकॉर्ड बन गया. हालांकि, स्टीव जॉब्स महाकुंभ तो नहीं आए लेकिन उन्होंने अपने आध्यात्मिक झुकाव से उत्तराखंड स्थित नीम करोली बाबा के आश्रम में आए थे.