नई दिल्ली ,25 जनवरी 2025: सुरक्षा बलों के ताजा आंकड़ों से पता चला है कि 42,000 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स के जवानों ने 2020 से 2024 तक 100 दिनों की छुट्टी का लाभ उठाया है। हालांकि सुरक्षा बलों पर अतिरिक्त दबाव और अपेक्षित मात्रा में जवानों की संख्या नहीं होने की वजह से सौ दिन के छुट्टी के प्रस्ताव को पूरी तरह लागू करना मुश्किल हो रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि सौ दिन छुट्टी की योजना का प्रस्ताव जवानों का तनाव कम करने, उन्हें अपने परिवारों के साथ रहने में अधिक मदद करने के लिए शुरू की गई थी। लेकिन इसे लागू करना कई तरह की स्थितियों पर निर्भर करता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि छुट्टी की मांग किस समय पर की गई है।
सीमा पर जरूरत, ऑपरेशन संबंधी अपरिहार्यता, चुनाव ड्यूटी सहित कई अन्य कारण देखकर छुट्टियों का प्रबंधन होता है। आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में समीक्षा की अवधि में कुल 2,245 कर्मियों ने 100 दिनों की छुट्टी ली। वर्ष 2020 में 570 कर्मियों ने छुट्टी का फायदा उठाया जबकि यह संख्या 2024 में घटकर 71 रह गई। 100 दिनों की छुट्टी का सबसे ज़्यादा अनुरोध बीएसएफ जवानों का रहा। बीएसएफ में 3,978 कर्मियों ने 100 दिन की छुट्टी का लाभ उठाया। 2024 तक यह संख्या गिरकर 3,295 हो गई।
छुट्टी पर मंथन कर रही समिति बीते
चार वर्षों में कम से कम 1,472 भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) कर्मियों ने छुट्टी का लाभ उठाया। यहां 2020 में 211 छुट्टी लेने वाले जवानों की संख्या बढ़कर 2023 में 391 हो गई। कुल मिलाकर, 42,797 सीएपीएफ और असम राइफल्स कर्मियों ने 2020 और 2024 के बीच 100 दिनों की छुट्टी ली। यह मामला गृह मामलों की संसदीय समिति पहले ही उठा चुकी है। समिति ने कहा कि फिलहाल फील्ड में तैनात कर्मियों को 75 दिन की छुट्टी दी जाती है, जिसे बढ़ाकर 100 दिन करने का प्रस्ताव है। समिति का मानना है कि मंत्रालय को जवानों के लाभ के लिए इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द लागू करने में तेजी लानी चाहिए।