फर्जी मीडिया अधिकारी : फोन पर कलेक्टर भी आ गए थे उसके झांसे में, रास्ते में पुलिस ने रोका तो खुली फर्जी अधिकारी की पोल

जबलपुर। कलेक्टर को एक व्यक्ति ने फोन किया। स्वयं को भोपाल वल्लभ भवन का मीडिया अधिकारी बताया। गुरुवार और शुक्रवार को जबलपुर प्रवास होने और ठहरने के लिए सर्किट हाउस में कमरा मांगा। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने तुरंत प्रोटोकाल अधिकारी को जानकारी दी। उसके लिए सर्किट हाउस में एक कक्ष आरक्षित कर दिया गया। वह गुरुवार को सर्किट हाउस में आकर रुका। रात को एक कार से घूमने के लिए निकला। कार की कांच में काली फिल्म चढ़ी थी। लगातार हूटर बज रहा था। ये देखकर पुलिस ने कार को रोका।

पूछताछ में कार सवार पुलिस के उत्तर देने में लड़खड़ाया। संदेह होने पर जांच की गई तो उसका फर्जीवाड़ा सामने आ गया। फर्जी मीडिया अधिकारी सुधीर कुमार प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है। वह भोपाल का रहने वाला है। सिविल लाइंस पुलिस ने आरोपित की कार भी जब्त की है।

मैसेज भेजा, कार से आया, सब झांसे में फंस गए

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आरोपित सुधीर कुमार प्रसाद ने कलेक्टर को फोन कर अपना परिचय मंत्रालय के मीडिया अधिकारी के रूप में दिया। उसके बाद सोशल मीडिया पर संदेश भेजकर 16 एवं 17 जनवरी के लिए सर्किट हाउस में रुकने कक्ष मांगा।

वह 16 जनवरी को कार से सर्किट हाउस पहुंचा। कार में हूटर और उसका रौब देखकर अधिकारी उससे ज्यादा कुछ सवाल-जवाब नहीं कर पाए। आते ही उसे सर्किट हाउस का कक्ष आवंटित कर दिया। उसके झांसे में फंसकर सर्किट हाउस के कर्मचारी फर्जी मीडिया अधिकारी की सेवा में जुटे रहे।

रास्ते में रोका, हड़बड़ी में खिलाड़ी बताया

गुरुवार की रात को फर्जी अधिकारी सुधीर कुमार प्रसाद हूटर वाली कार में नगर में घूम रहा था। रात को पुलिस वाहनों की जांच कर रही थी। रुकने पर फर्जी अधिकारी ने पुलिस कर्मियों पर रौब झाड़ा। जांच के लिए पूछे जाने पर धौंस जमाने लगा। कार चालक ने धौंस जमा रहे व्यक्ति को अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी होना और सर्किट हाउस में रुकना बताया। पुलिस कर्मियों ने अधिकारियों से संपर्क कर जानकारी प्राप्त की तो उसके द्वारा सर्किट हाउस में मीडिया अधिकारी होना बताया गया।

अलग-अलग जानकारी देने पर संदेह हुआ। तब उससे घेरे में लेकर पूछताछ की तो तो उसने सर्किट हाउस में रुकने के लिए झूठी जानकारी देना कबूल कर लिया।

खुद को मीडिया अधिकारी बताकर फोन लगाया था

एक व्यक्ति ने स्वयं को मंत्रालय का मीडिया अधिकारी बताकर फोन किया। सर्किट हाउस में कक्ष मांगा। मामले में प्रोटोकाल अधिकारी को सूचित किया गया। जब मंत्रालय से जानकारी मांगी गई तो संबंधित नाम का कोई व्यक्ति वहां मीडिया अधिकारी नहीं था। पुलिस को मामले की जानकारी दी गई है। वह कार्रवाई कर रही है। – दीपक सक्सेना, कलेक्टर