नई दिल्ली,18जनवरी 2025: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, आरोप है किस एक पाकिस्तानी महिला ने फर्जी निवास प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी स्कूल में शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। शमाइला खान नाम की यह महिला लगभग नौ साल तक एक सरकारी स्कूल में पढ़ाती रही, लेकिन एक गुप्त शिकायत के बाद इसका खुलासा हुआ। इसके बाद उसकी नौकरी समाप्त कर दी गई और उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की गई है। अनुमान लगाया जा रहा है जल्दी महिला शिक्षिका की गिरफ्तारी भी हो जाएगी।
कैसे हुआ धोखाधड़ी का खुलासा?
शमाइला खान ने 6 नवंबर 2015 को उत्तर प्रदेश के फतेहगंज पश्चिमी स्थित माधोपुर प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी। उसने एक झूठे निवास प्रमाण पत्र के आधार पर यह पद हासिल किया, जिसे रम्पुर के उपमंडल अधिकारी (SDM) कार्यालय द्वारा जारी किया गया था। हालांकि, एक गुप्त शिकायत के बाद बरेली के जिलाधिकारी ने मामले की जांच शुरू करवाई, जिसमें रम्पुर के SDM ने इस निवास प्रमाण पत्र को गलत पाया।
निवास प्रमाण पत्र की जांच के बाद, यह पुष्टि हो गई कि शमाइला खान भारतीय नागरिक नहीं है और उसके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज फर्जी थे। इस मामले में शमाइला को सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है और उसके खिलाफ गंभीर आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।