0 उच्च ईएसजी मानकों के लिए मान्यता के साथ ही वर्ष 2050 तक पहले नेट जीरो कार्बन प्राप्त करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि।
रायपुर, 03 जनवरी 2025। भारत के सबसे बड़े एल्युमीनियम उत्पादक, वेदांता एल्युमीनियम को सतत विकास के अपने उत्कृष्ट प्रयासों के लिए पहचान मिली है, और इसने ग्लोबल एल्युमीनियम सेक्टर में एसएंडपी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट (सीएसए) में दूसरी रैंक हासिल की है। 77 के कुल स्कोर के साथ, यह उपलब्धि मजबूत पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन (ईएसजी) मानकों पर आधारित है, जो कि सतत विकास के प्रति कंपनी की निरंतर प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है। वेदांता एल्युमीनियम लगातार चौथे साल इस रैंकिंग में वैश्विक स्तर पर शीर्ष कंपनियों में शामिल है। यह बात इस उपलब्धि को और भी खास बना देती है।
एसएंडपी ग्लोबल सीएसए एक बहुत ही प्रतिष्ठित वैश्विक बेंचमार्क है, जो कंपनियों के प्रदर्शन को आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक मानकों के आधार पर ट्रैक करता है। एसएंडपी ग्लोबल ईएसजी स्कोर यह मापता है कि एक कंपनी ईएसजी जोखिमों, अवसरों और प्रभावों को कैसे प्रबंधित करती है, और इसका आकलन कंपनी के खुलासों, मीडिया और स्टेकहोल्डर विश्लेषण, मॉडलिंग दृष्टिकोणों, और एसएंडपी ग्लोबल सीएसए के माध्यम से कंपनी के गहन जुड़ाव के आधार पर किया जाता है।
इस उपलब्धि के बारे में बात करते हुए, प्रिया अग्रवाल हेब्बर, वेदांता लिमिटेड की नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और हिंदुस्तान ज़िंक लिमिटेड की चेयरपर्सन, ने कहा, “यह मान्यता वेदांता एल्युमीनियम के लिए अत्यधिक गर्व का क्षण है।
एसएंडपी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट में विश्व स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त करना न सिर्फ सतत विकास के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि हमारी टीमों के जुनून और कठिन परिश्रम को भी प्रकट करता है, जो हर दिन एक सार्थक बदलाव लाने की कोशिश करती हैं। वेदांता एल्युमीनियम में, हम मानते हैं कि सतत विकास का मतलब है, पृथ्वी, हमारे समुदायों और हमारे साझा भविष्य के लिए दीर्घकालिक मूल्य स्थापित करना। यह उपलब्धि हमारे नेट जीरो कार्बन तक पहुँचने की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है और हमें जिम्मेदार और अभिनव प्रथाओं में नए मानक स्थापित करने के लिए प्रेरित करती है। साथ मिलकर, हम एक हरित और अधिक स्थायी भविष्य को आकार दे रहे हैं।”
सुनील गुप्ता, सीओओ, वेदांता एल्युमीनियम, ने कहा, “हमें यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमें सतत विकास के क्षेत्र में नेतृत्वकर्ता के रूप में मान्यता मिली है और एसएंडपी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट में हमें दूसरा स्थान मिला है। यह उपलब्धि हमारे इस संकल्प को दर्शाती है कि हम अपने हर काम में पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासनिक सिद्धांतों को पूरी तरह से अपनाते हैं। हम वर्ष 2050 तक नेट ज़ीरो का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और हमारा ध्यान हमेशा लंबी अवधि में सतत विकास, नवाचार, परिचालन उत्कृष्टता और जिम्मेदार प्रथाओं पर रहेगा, ताकि हम सभी के लिए एक बेहतर और टिकाऊ भविष्य बना सकें।”
वित्त वर्ष 2021 में, अपनी ईएसजी यात्रा की शुरुआत करने के बाद से, वेदांता एल्युमीनियम ने वर्ष 2050 तक या उससे पहले नेट ज़ीरो कार्बन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सतत विकास की दिशा में कंपनी की निरंतर प्रगति और ईएसजी प्रथाओं को अपने संचालन में लागू करने की प्रतिबद्धता ने इसे इस दिशा में बहुत सफलता दिलाई है। हाल ही में, किए गए कुछ प्रमुख विकास इस प्रकार हैं:
वित्त वर्ष 2021 के मुकाबले ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में 10.16% की कमी हासिल की
पीडब्ल्यूसी इंडिया के साथ मिलकर उड़ीसा में जैव विविधता और कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए प्रभावी प्रयास किए
मेटल शिपमेंट्स की गुणवत्ता और अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए एलएमई पासपोर्ट प्लेटफॉर्म से डिजिटल रूप से जुड़ा पहला भारतीय एल्युमीनियम स्मेल्टर बनाया गया।
वित्त वर्ष 2024 के दौरान अपने सभी परिचालनों में 15 अरब लीटर पानी का पुनर्चक्रण किया।
अपनी रिफाइनरी में हर दिन 20 टन बायोमास ब्रीकेट्स का उपयोग किया, जिससे हर वर्ष 10,000 टन कार्बन डाईऑक्साइड समकक्ष ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद मिली।
वेदांता एल्युमीनियम अपने ‘नेट जीरो’ लक्ष्य को पाने के लिए दो-स्तरीय रणनीति पर काम कर रहा है। पहला, अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करना और दूसरा, इसे संतुलित करना। उत्सर्जन कम करने के लिए कंपनी अपनी ऊर्जा में नवीकरणीय स्रोतों का हिस्सा बढ़ा रही है, मैन्युफैक्चरिंग में नई तकनीकों का उपयोग कर परिचालन क्षमता बढ़ा रही है और बायोफ्यूल जैसे लो-कार्बन एनर्जी स्रोतों का इस्तेमाल शुरू कर रही है। साथ ही, कंपनी अपने बाकी कार्बन उत्सर्जन को संतुलित करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्बन सिंक तैयार कर रही है। एल्युमीनियम को स्थायी समाधान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह उद्योगों को उनके कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा में बदलाव करने में मदद करता है। वेदांता एल्युमीनियम दुनियाभर में उच्च गुणवत्ता वाले, जिम्मेदारी से तैयार एल्युमीनियम को अधिक सुलभ बना रहा है और हरित व सतत भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
वेदांता एल्युमीनियम, वेदांता लिमिटेड का हिस्सा है और भारत का सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक है। वित्त वर्ष 2024 में, कंपनी ने भारत के कुल एल्युमीनियम उत्पादन का आधे से ज्यादा, यानी 2.37 मिलियन टन का उत्पादन किया। यह कंपनी एडवांस्ड एल्युमीनियम प्रोडक्ट्स में भी अग्रणी है, जो प्रमुख उद्योगों में जरूरी भूमिका निभाते हैं। भारत में कंपनी विश्व स्तरीय एल्युमीनियम स्मेल्टर्स, एल्युमिना रिफाइनरी और पॉवर प्लांट्स से लैस है। अपनी ‘भविष्य की धातु’ यानी एल्युमीनियम के नवाचारों को बढ़ावा देने के मिशन के साथ, वेदांता एल्युमीनियम एक हरित कल के निर्माण में योगदान दे रहा है।