रायपुर । गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज अपने रायपुर सिविल लाईन स्थित निवास कार्यालय में नगर सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर जिलों में बाढ़ आपदा प्रबंधन में उनके द्वारा की गई तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बाढ़ संभावित जिलों में बचाव एवं राहत के लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। मंत्री श्री साहू ने कहा कि पिछले अनुभवों के आधार पर व्यवस्था में आवश्यक सुधार करें। कलेक्टर द्वारा ली जाने वाली बैठक में आपदा प्रबंधन के लिए जरूरी बाते रखें। उन्होंने जिला सेनानियों को जलाशयों के भरने तथा ओवर फ्लो की स्थिति में पानी छोड़ने के पूर्व जानकारी के लिए कलेक्टर और जल संसाधन विभाग के अधिकारियांे से सतत सम्पर्क में रहने के निर्देश दिए। मंत्री श्री साहू ने आवश्यकतानुसार बोट खरीदी के लिए प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने रेस्क्यू के दौरान बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने तथा आपदा के दौरान जान-माल की सुरक्षा के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले नगर सेना के जवानों को पुरस्कृत करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में अतिरिक्त महानिदेशक नगर सेना अरूण देव गौतम ने जिलों में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए नगर सेना की भूमिका और रेस्क्यू अभियान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाढ़ बचाव के लिए इस समय 94 मोटरबोट उपलब्ध है। इनमें 46 रबर मोटर-फायबर बोट ओबीएम सहित, 31 फाईवर बोट और 17 एल्युमीनियम मोटरबोट ओबीएम सहित शामिल है। उन्होंने बताया कि बाढ़ में घिरे व्यक्तियों को बचाने के लिए पिछले एक वर्ष में 142 नगर सैनिकों को प्रशिक्षित किया गया है। इसके साथ ही बिलासपुर जिले के खूंटाघाट बांध, कोरिया जिले के गौरघाट में राज्यभर के राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ईकाइयों के जवानों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अण्डर वाटर सर्च एण्ड रेस्क्यू ऑपरेशन का मॉकड्रील आयोजित कराया गया।
इसी तरह सीटीआई रायपुर में भी एसडीआरएफ एवं नगर सेना के जवानों को रोप रेस्क्यू का डेमों दिया गया। संचालक नगर सेना मयंक श्रीवास्तव ने बैठक में बताया कि प्रदेश के बाढ़ संभावित जिलों बस्तर, कोंटा, बीजापुर के भेरमगढ़, भोपालपट्टनम, राजनांदगांव, दुर्ग, बेमेतरा, बलौदाबाजार, जांजगीर, रायगढ़ में बाढ़ से बचाव के लिए तैयारियां कर ली गई हैं। राज्य स्तर पर नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा का बाढ़ बचाव कन्ट्रोल रूम, मुख्यालय नवा रायपुर में स्थापित किया गया है। प्रत्येक जिले में बाढ़ दल तैनात किया गया है जो 24 घंटे जिले में उपलब्ध रहेगा। राज्य में विभिन्न आपदाओं से निपटने के लिए एसडीआरएफ की 7 टीमों का गठन किया गया है, जिन्हें संभागीय मुख्यालयों में तैनात किया गया है। सभी जिलों में बाढ़ से बचाव के लिए कन्ट्रोल रूम स्थापित करने के साथ ही आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
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