रायपुर,02जनवरी 2025 (वेदांत समाचार)। क्या आप भी QR कोड स्कैन करके ऑनलाइन पेमेंट करते हैं? अगर हाँ, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। आपकी एक छोटी सी लापरवाही बड़ी मुसीबत का कारण बन सकती है। यह ठग किस तरह से फर्जी QR कोड का इस्तेमाल करके आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं, आइए जानते हैं।
कैसे होती है ठगी?
ठग फर्जी QR कोड बनाकर पेट्रोल पंप, दुकानों, या सार्वजनिक स्थानों पर चिपका देते हैं। जैसे ही आप इस QR कोड को स्कैन करते हैं, आपका पेमेंट असल विक्रेता के खाते में नहीं, बल्कि ठग के खाते में चला जाता है। इसके बाद ठग आपको रिफंड का लालच देकर फिर एक और QR कोड भेजते हैं। जैसे ही आप इसे स्कैन करते हैं और OTP डालते हैं, आपके खाते से पैसे उनकी खाते में ट्रांसफर हो जाते हैं। कुछ मामलों में ठग फर्जी QR कोड भेजकर आपको फिशिंग वेबसाइट पर भेजते हैं, जहां आपकी बैंक डिटेल्स, कार्ड नंबर, OTP जैसी संवेदनशील जानकारी चोरी की जाती है।
ईनाम के नाम पर ठगी-
कई बार ठग आपको किसी ऑफर, इनाम, या कैशबैक का लालच देकर QR कोड स्कैन करने के लिए कहते हैं। जब आप इसे स्कैन करते हैं, तो आपका पैसा उनके खाते में ट्रांसफर हो जाता है। यह QR कोड अक्सर ईमेल, एसएमएस, या सोशल मीडिया के जरिए भेजा जाता है, जिसमें कहा जाता है कि यह किसी प्रमोशन या रिवॉर्ड के लिए है।
कैसे बचें ठगी से?
कभी भी बिना सोचे-समझे QR कोड स्कैन न करें। सुनिश्चित करें कि QR कोड भरोसेमंद स्रोत से आया हो। विक्रेता से QR कोड और बैंक खाता विवरण मिलाकर जांचें। रिफंड के नाम पर किसी भी QR कोड को स्कैन न करें। स्कैन करने के बाद अगर कोई वेबसाइट खुलती है, तो उसकी वैधता जांचें। अपनी बैंक डिटेल्स, OTP, या पिन किसी से साझा न करें। अज्ञात स्रोतों से आए QR कोड को नजरअंदाज करें, खासकर ईमेल, एसएमएस, और सोशल मीडिया पर भेजे गए कोड से दूर रहें।
अगर ठगी हो जाए तो क्या करें?
अगर किसी ठगी का शिकार हो जाएं तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और ट्रांजेक्शन को ब्लॉक कराएं। इसके बाद 1930 या साइबर क्राइम पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें। साथ ही, स्थानीय पुलिस थाने और साइबर सेल में इसकी रिपोर्ट भी दर्ज कराएं। QR कोड से जुड़ी इन सावधानियों को जानकर आप अपनी ऑनलाइन लेन-देन को सुरक्षित रख सकते हैं।