कोरबा, 01 जनवरी (वेदांत समाचार)। धान खरीदी अभियान में इस साल आकांक्षी जिला कोरबा जहाँ डेढ़ माह की मियाद समाप्त होने के उपरांत धान खरीदी के लक्ष्य का करीब आधा लक्ष्य ही हासिल कर सका है वहीं समर्थन मूल्य पर खरीदकर उपार्जन केंद्रों में रखे गए 5 लाख 54 हजार 621 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर 127 करोड़ 56 लाख 28 हजार 760 रुपए के धान के शत प्रतिशत उठाव से पहले राइस मिलर्स को मुंगेली जिले में खरीदे गए 5 लाख क्विंटल धान के कस्टम मिलिंग के लिए ऑनलाइन डीओ जारी कर दिया है।लिहाजा कोरबा जिले के धान के उठाव कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी होने के बाद भी राइस मिलर्स अधिक परिवहन दर मिलने की वजह से मुंगेली जिले के धान के उठाव को प्राथमिकता दे रहे। मार्कफेड की इस अदूरदर्शिता ने 28 उपार्जन केंद्रों के कर्मचारियों की नींद उड़ा दी है। उठाव में विलंब होने की स्थिति में इन उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी व्यवस्था प्रभावित होने के आसार हैं।
यहाँ बताना होगा कि चुनावी वर्ष में इस बार नवंबर माह के दूसरे पखवाड़े से धान खरीदी अभियान की शुरुआत हुई है। धान खरीदी शुरुआत होते ही राइस मिलर्स हड़ताल में चले गए थे। गत माह ही आश्वासन के बाद लौटे राइस मिलरों ने पंजीयन अनुबंध कराने के बाद कस्टम मिलिंग शुरू ही किया था कि कैबिनेट में लंबित प्रोत्साहन राशि का भुगतान,प्रोत्साहन राशि मे बढोत्तरी समेत पेनाल्टी जैसे अपने जायज मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के आव्हान पर प्रदेश के 2500 से अधिक राइस मिलर्स 12 से 20 दिसंबर तक विरोध स्वरूप हड़ताल में चले गए थे। जिसकी वजह से कस्टम मिलिंग का कार्य बाधित रहा। इस साल जिले को 31 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है।55 हजार से अधिक पंजीकृत किसानों के जरिए 41 सहकारी समितियों के 65 धान उपार्जन केंद्रों के माध्यम से इस लक्ष्य को हासिल करना है। जिसकी पूर्ति में धान खरीदी के डेढ़ माह उपरांत 31 दिसंबर की स्थिति में जिले में 28 हजार 792 किसानों के माध्यम से 15 लाख 71 हजार 10.80 क्विंटल 2300 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की दर से 361 करोड़ 33 लाख 24 हजार 840 रुपए के धान की आवक हो चुकी है।।जिसमें से 120 (118 अरवा 2 उसना ) पंजीकृत राइस मिलरों के माध्यम से 31 दिसंबर तक की स्थिति में 10 लाख 16 हजार 389.60 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 233 करोड़ 76 लाख 96 हजार 80 रुपए के धान का उठाव हुआ है। जो कुल धान के उठाव का 64 .70 % हिस्सा है । अभी भी उपार्जन के केंद्रों में 5 लाख 54 हजार 621 .20 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 127 करोड़ 56 लाख 28 हजार 760 रुपए का धान जाम है। हालांकि मार्कफेड जिले में खरीदे गए धान के कस्टम मिलिंग के लिए शतप्रतिशत डीओ जारी कर भले अपनी पीठ थपथपा रही है। वहीं दूसरी ओर जिले में अभी खरीदे गए धान का उठाव 90 फीसदी भी नहीं हुआ है मार्कफेड को 125 किलोमीटर दूर मुंगेली जिले के धान का कोरबा के राइस मिलरों से उठाव की चिंता सताने लगी। ऑनलाइन रिक्वेस्ट के आधार पर मुख्यालय स्तर से ऑनलाइन मॉड्यूल में डीओ जारी होने की बात सामने आ रही है।मुंगेली जिले में खरीदे गए करीब 5 लाख क्विंटल धान के कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी किया गया है।
जानकारी अनुसार राइस मिलरों को कस्टम मिलिंग के लिए जारी डीओ के अनुपात में उपार्जन केंद्रों से 10 दिनों के भीतर धान का उठाव करने का प्रावधान है। तय मियाद के भीतर उठाव नहीं कर पाने पर पेनाल्टी का प्रावधान है। हालांकि समितियों से समय पर धान का उठाव नहीं करने से धान के वजन में सूखकर कमी (शार्टेज ) आने की भरपाई के रूप में पेनाल्टी की राशि समितियों को न देकर शासन को मिलने को लेकर अर्से से सवाल उठते रहे हैं। यही नहीं समिति के विश्वस्त कर्मचारियों के अनुसार दूरी के आधार पर कस्टम मिलिंग हेतु परिवहन दर मिलने की वजह राइस मिलर्स अधिक दूरी के लिए काटे गए डीओ के धान के उठाव को प्राथमिकता देते हैं। ताकि अधिक परिवहन दर मिल सके। यही वजह है जिले के 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में 5 लाख 54 हजार 621 .20 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 127 करोड़ 56 लाख 28 हजार 760 रुपए का धान जाम होने के बावजूद मुंगेली जिले के धान के उठाव को प्राथमिकता दे रहे।
28 उपार्जन केंद्रों में सबसे ज्यादा बिगड़े हालत, जल्द नहीं उठाव हुआ तो खरीदी प्रभावित होने के आसार 👇
वैसे तो 75 फीसदी से अधिक उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट 7200 क्विंटल से अधिक धान जाम हैं ,लेकिन इनमें से 28 उपार्जन केंद्र जहाँ 9 हजार से 18 हजार क्विंटल तक धान जाम हैं समितियाँ सबसे ज्यादा परेशान हैं। जहां जल्द धान का उठाव नहीं होने पर खरीदी व्यवस्था प्रभावित होने के आसार हैं।25 में से 7 उपार्जन केंद्रों में 15 से 18 हजार क्विंटल तक धान जाम हैं। जो कि बफर लिमिट से दोगुना है ,इनमें अखरापाली ,उतरदा,करतला,केरवाद्वारी,कोरबी (पोंडी उपरोड़ा) भैसमा एवं सिरमिना शामिल हैं। वहीं 18 उपार्जन केंद्रों में 9 से 13 हजार क्विंटल के बीच धान उठाव का इंतजार कर रहे। इनमें बोईदा,कनकी,कोथारी,कोरकोमा, कोरबी (पाली ),चैतमा ,जटगा,जवाली ,नवापारा ,निरधि,पसान,पोंडी,फरसवानी,बरपाली (कोरबा),बरपाली (बरपाली),रामपुर ,श्यांग एवं सोहागपुर शामिल हैं।
उठाव के लिए गाड़ी भेजने अनुबंध तिथि समाप्ति का इंतजार क्यों ? इस बार एक समिति में एक ही मिलर्स का कटा डीओ
समितियां इस बात से अधिक परेशान हैं कि उठाव के लिए अनुबंध में 10 दिनों का समयावधि तय किया गया है ,मिलर्स अन्य जिलों में ख़रीदे गए धान के कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी करवाकर जानबूझकर एक हफ्ते बाद उठाव के लिए गाड़ी भेजते हैं। इधर प्रतिदिन खरीदी की आवक बढ़ रही है लिहाजा फड़ में धान खरीदी के लिए जगह की कमी पड़ जा रही है। कोथारी,तुमान में खेतों में धान खरीदने पड़ रहे हैं लेकिन इसकी चिंता न मार्कफेड को है न शासन को,जिसका हर्जाना समितियां जिले के मान को बनाए रखने अपने कमीशन के हिस्से की राशि को
समायोजित कर चुकाती हैं।
ताकि कोरबा जिले का पिछले एक दशक से जीरो शार्टेज के रूप में चली आ रही रुतबा फीका न पड़ जाए । समिति प्रबंधकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हर साल उपार्जन केंद्रवार एक से अधिक राइस मिलर्स का कस्टम मिलिंग के लिए ऑनलाइन डीओ जारी किया जाता था।जिससे एक नहीं तो दूसरा मिलर्स के जरिए धान का उठाव हो जाता था। इस साल एक समिति का एक ही राइस मिलर्स का डीओ कट रहा है। सुखरीकला ,फरसवानी,कोथारी,कराईनारा के लिए एक ही राइस मिलर्स को डीओ जारी हुआ है। समिति के कर्मचारियों की मानें तो एक उपार्जन केंद्र का उठाव करने की स्थिति मिलर्स दूसरे उपार्जन केंद्र में गाड़ी नहीं भेज पा रहा जिसकी वजह से ऐसे हालात निर्मित हो रहे हैं । आने वाले जनवरी माह में प्रतिदिन जिले में औसतन 70 से 80 हजार क्विंटल धान की आवक होगी ऐसे में किस तरह व्यवस्था कर पाएंगे यह चिंता समितियों को अभी से डराने लगी है।
वर्जन
मुख्यालय स्तर के निर्देश पर कट रहा डीओ
मुख्यालय स्तर से निर्देश पर मुंगेली जिले में खरीदे गए धान के कस्टम मिलिंग के लिए जिले के राइस मिलरों का डीओ कटा है। उठाव द्रुत गति से हो रहा है। अभी तक पेनाल्टी की स्थिति निर्मित नहीं हुई है।
- जान्हवी जिल्हारे, डीएमओ कोरबा