आज का पंचांग 18 दिसंबर 2024: इस दिन परम पवित्र पौष माह कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि सुबह 10 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी लग जाएगी। इस दिन श्री गणेश उपासना करें। भैरो पूजा तिथि भी है। बटुक भैरव स्तोत्रम पाठ का बहुत महत्व है। शिव उपासना करें। वह पालनकर्ता व कल्याणकारी हैं। भगवान के नाम का मानसिक जप करें।गंगा स्नान करें। पौष माह में शंकर जी की उपासना बहुत ही पुण्यदायी है। शिव पुराण के पाठ से धन आगमन व शुभता का आगमन होता है, पुण्य की प्राप्ति होती है। सात अन्न के दान करने से मनोवांछित फल मिलते हैं। बुधवार व्रत फलाहारी होता है। बुध के बीज मंत्र का जप समृद्धि देगा। इस माह गंगा स्नान व दान पुण्य करने से पाप नष्ट होते हैं व आपका प्रगति मार्ग प्रशस्त होता है तथा भगवान विष्णु जी की भक्ति प्राप्त होती है। प्रातःकाल शिवलिंग पर जलाभिषेक करें। माता-पिता का आशीर्वाद लेते रहें। राहु से सम्बंधित द्रव्य उड़द व कम्बल का दान करें।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी चंद्रोदय समय 2024
संकष्टी के दिन चन्द्रोदय – 08:27 pm
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 18 दिसम्बर 2024 को 10:06 am बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त – 19 दिसम्बर 2024 को 10:02 am बजे
18 दिसंबर 2024 पंचांग
संवत—पिंगला विक्रम संवत 2081
माह-पौष, कृष्ण पक्ष
पर्व – संकष्टी चतुर्थी
तिथि- तृतीया तिथि 10.06 तक फिर चतुर्थी
दिवस -बुधवार
सूर्योदय-07:06am
सूर्यास्त-05:25pm
नक्षत्र-पुनर्वसु
चन्द्र राशि — कर्क,स्वामी-चन्द्रमा
सूर्य राशि- धनु,स्वामी ग्रह-बृहस्पति
करण- वणिज
योग- इंद्र
18 दिसंबर 2024 शुभ मुहूर्त
अभिजीत-नहीं है।
विजय मुहूर्त-02:24pm से 03:28pm तक
गोधुली मुहूर्त–06:21pm से 07:29pm
ब्रम्ह मुहूर्त-4:07m से 05:09am तक
अमृत काल-06:06am से 07:43am तक
निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:44से 12:23तक रात
संध्या पूजन-06:28 pm से 07:05pm तक
दिशा शूल- उत्तर दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त–राहुकाल–दोपहर 12 बजे से 01:30 बजे तक