कोरबा,09 दिसंबर (वेदांत समाचार)। बालको में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन कथावाचक आचार्य रामप्रताप शास्त्री महाराज ने श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए बताया कि श्रीमद्भागवत कथा बड़े से बड़े पापियों को भी पापमुक्त कर देती है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति भागवत कथा आत्मसात कर लेता है, वह सांसारिक दुखों से मुक्त हो जाता है।
श्री शास्त्री ने कथा के माध्यम से बताया कि जीवन में यदि मान, बड़ा पद या प्रतिष्ठा मिला जाए तो उसे ईश्वर की कृपा मानकर भलाई के कार्य करना चाहिए, लेकिन यदि उसका जीवन में किंचित मात्र भी अभिमान हुआ तो वह पाप का भागीदार बना देता है।
उन्होंने राजा परीक्षित के प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि कैसे राजा परीक्षित को एक सप्ताह में मृत्यु का शाप मिला और भगवान शुकदेव के रूप में प्रकट होकर श्रीमद्भागवत कथा सुनाकर परीक्षित को अपने चरणों में स्थान प्रदान किया।
कथा के दौरान श्री शास्त्री ने महाभारत के कई प्रसंग भी सुनाए। कर्ण और भगवान श्रीकृष्ण के बीच संवाद को बताते हुए उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान जब कर्ण की भगवान कृष्ण से चर्चा हुई तो कर्ण ने कहा कि मृत्यु के बाद ऐसी जगह मेरा दाह संस्कार हो जहां आज तक किसी का नहीं हुआ। भगवान ने उसकी मृत्यु के बाद कर्ण का अंतिम संस्कार अपने हाथों से किया।
कथा के दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। कथा का आयोजन श्री राम मंदिर बालको में बालको सेवा समाज के द्वारा किया गया है। कथा का समय दोपहर 4 बजे से शाम 8 तक है।