कैसे संभलेगा संभल? राहुल गांधी जाने की तैयारी में, डीएम ने कहा- नहीं मिलेगी एंट्री, एक्शन डे आज

नई दिल्ली, 04 दिसंबर 2024 : संभल हिंसा पर सड़क से लेकर संसद तक संग्राम छिड़ा हुआ है. विपक्ष सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है. अधिकारी शांति बहाली की बात करते हुए संभल में नेताओं को एंट्री नहीं दे रहे हैं. 10 तारीख तक किसी भी डेलिगेशन या राजनेता की एंट्री पर पाबंदी लगी है. बीएनएस की धारा 163 लागू है. इन सबके बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बुधवार को संभल जाने वाले हैं. वो हिंसा में जान गंवाने वाले युवकों के परिवारों से मिलेंगे. मगर, उनके दौरे से पहले संभल जिला प्रशासन ने तय किया है कि वो राहुल को जिले में एंट्री नहीं देगा.

राहुल गांधी के दौरे की भनक लगते ही संभल डीएम राजेंद्र पेसिया ने संभल से सटे जिलों के अधिकारियों को लेटर लिखा है. उन्होंने गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर, एसपी और अमरोहा के अधिकारियों को लेटर लिखा है. इसमें कहा है कि आप अपने जिले में राहुल गांधी को एंट्री न दें. संभल प्रशासन ने भी राहुल को आसपास के जिलों के बॉर्डर से एंट्री न देने की तैयारियां कर ली हैं.

डीएम का लेटर सामने आते ही चढ़ा सियासी पारा
संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया का लेटर सामने आते ही सियासत तेज हो चुकी है. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, ये लोकतंत्र की हत्या और पुलिस तंत्र का खुला दुरुपयोग है. राय के इस बयान के बीच चर्चा है कि राहुल गांधी के साथ ही वायनाड सांसद प्रियंका गांधी भी संभल का दौरा कर सकती हैं. डिलिगेशन में यूपी कांग्रेस के 6 सांसद होंगे.

माना जा रहा है कि कांग्रेस डिलिगेशन को संभल में एंट्री न मिलने से एक बार फिर महासंग्राम छिड़ सकता है, क्योंकि ये पहली बार नहीं जब राहुल गांधी को किसी घटना के बाद उस जिले में जाने से रोका गया हो. यूपी में कई घटनाओं के बाद उन्हें प्रशासन ने हिंसा के पीड़ितों से मिलने की अनुमति नहीं दी. इसमें सहारनपुर और लखीमपुर खीरी जैसी घटनाएं भी हैं.

सहारनपुर की घटना
मई 2017 में सहारनपुर सांप्रदायिक हिंसा की घटना हुई थी. इस घटना के बाद राहुल गांधी सहारनपुर जाने वाले थे. मगर, जिला प्रशासन ने उनको हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में जाने से रोक दिया था. तब भी अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने का हवाला दिया था. जिला मजिस्ट्रेट ने कहा था कि वीआईपी दौरों से गड़बड़ी का खतरा है. राहुल को सहारनपुर में एंट्री न मिलने पर कांग्रेस ने प्रशासन पर सवाल उठाए थे. राज्य सरकार की कार्रवाई की आलोचना की थी.

लखीमपुर खीरी की घटना
अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी हिंसा भड़क उठी थी. कई लोग मारे गए थे. तब भी राहुल गांधी लखीमपुर खीरी जाकर पीड़ितों से मिलना चाह रहे थे. हालांकि, प्रशासन ने राहुल गांधी के नेतृत्व वाले डिलिगेशन को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति नहीं दी थी. बात करें संभल की तो प्रशासन ने बीते दिन समाजवादी पार्टी के डिलिगेशन को भी जिले में एंट्री नहीं दी थी. इसके लेकर समाजवादी पार्टी ने प्रशासन और सरकार पर निशाना साधा था.

संभल में सर्वे के दौरान क्या हुआ था?
स्थानीय कोर्ट के आदेश पर 19 नवंबर को संभल की जामा मस्जिद का पहला सर्वे हुआ था. इस सर्वे के साथ ही तनाव की स्थिति पैदा हो चुकी है. फिर 24 नवंबर को मस्जिद का दोबारा सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी. इसमें प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी. संभल हिंसा में 4 लोग मारे गए थे.

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