पहाड़ों की रानी शिमला में स्थित हैं मां का ये अद्भुत मंदिर, लकड़ी से बनी हैं यहां पर मां की प्रतिमा

Kali Bari Temple Shimla : आज हम आपकाे एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका इतिहास 300 साल पुराना हैं। यह मंदिर पहाड़ों की रानी शिमला में स्थित कालबाड़ी मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। ये मंदिर माँ ‘देवी श्यामला’ को समर्पित है। श्यामला देवी को देवी काली का ही अवतार माना जाता है। कहा जाता हैं शिमला का नाम पहले श्यामला ही था जो मां श्यामला के नाम से रखा गया, लेकिन धीरे- धीरे बोल चाल की भाषा में श्यामला का नाम शिमला हो गया। मंदिर में काली माता की एक नीले रंग की लकड़ी की मूर्ति है। मां की मूर्ति के ऊपर चांदी का छतर और उसके समीप ही फन फैलाए नाग देवता की कलात्मक मूर्ति हैं।

राम चरण ब्राह्मण ने करवाया था कालीबाड़ी मंदिर का निर्माण

पौराणिक कथा के अनुसार, कालीबाड़ी मंदिर का निर्माण सन् 1823 में हुआ था। ब्रिटिश काल में बने इस मंदिर के स्थान पर पहले एक गुफा हुआ करती थी। कहा जाता हैं, कि शिमला कालीबाड़ी मंदिर का निर्माण राम चरण ब्राह्मण ने करवाया, जो एक बंगाली परिवार से था। कालीबाड़ी मंदिर में काली माता की मूर्ति के साथ एक तरफ श्यामला माता की शिला और दूसरी तरफ चंडी माता की शिला है। मंदिर निर्माण के बाद वर्ष 1885 में शिमला कालीबाड़ी प्रबंधन कमेटी का गठन हुआ, जिसके बाद 1903 में कालीबाड़ी मंदिर ट्रस्ट बना, जो इस मंदिर को चला रहा है, जिसके अधिकांश सदस्य बंगाली समुदाय से हैं।

मां खुद करती हैं यहां पर लोगों की देखभाल

कहा जाता है कि मां काली उन लोगों की देखभाल करती हैं जो पूरी आस्था के साथ उनकी पूजा करते हैं। ऐसे भक्त अपने जीवन में सदैव देवी की कृपा का अनुभव करते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि मां काली बाड़ी जागती जोत हैं जो अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। कहा जाता है कि यहां जो मनोकामना मांगता है वो कभी खाली हाथ नहीं लौटता हैं। दीवाली, नवरात्री और दुर्गापूजा जैसे हिंदू त्योहारों के अवसर पर बहुत से भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं।

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