महिला एवं बाल विकास की पहल
बेमेतरा ,27 नवंबर 2024 (वेदांत संचार )। कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देशन में तथा चन्द्रबेस सिंह सिसोदिया जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं सीपी शर्मा के जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग बेमेतरा के मार्गदर्शन में 25 नवम्बर से 10 दिसंबर तक लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने के लिए जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कार्योजनानुसार जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
आयोजन की इस कड़ी में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ग्राम उघरा के बालक और बालिकाओं के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तत्वाधान में गांव में रैली निकाली गई। तत्पश्चात आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 1 उघरा में विद्यालय की बालक/बालिकाओं एवं सुश्री यशोदा साहू संरक्षण अधिकारी नवा बिहान के द्वारा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 (पोक्सो) पर संक्षिप्त जानकारी साझा करते हुए छात्र-छात्राओं एवं ग्रामीण महिलाओं को जागरूक किया गया कि यदि किसी के साथ कोई गलत करता है तो इसका खुलकर विरोध करें तथा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 में फोन कर विभाग को जानकारी देवें एवं आपातकालीन सेवाओं जैसे महिला हेल्पलाइन 181 चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।
महिला के जीवन अंग स्वास्थ्य सुरक्षा अथवा कुशलता को नुकसान पहुंचाना अथवा खतरे में डालना इसमें सम्मिलित है शारीरिक एवं मौखिक भावनात्मक अथवा आर्थिक उत्पीड़न महिला या उससे संबंधित किसी व्यक्ति को दहेज या अन्य मांग पूर्ति के लिए दबाव बनाने की मनसा से महिला को तंग करना नुकसान पहुंचाना अथवा खतरे में डालना शारीरिक दुर्व्यवहार में किसी भी प्रकार का हमला आपराधिक धमकी तथा अपराधिक रूप से बाल का प्रयोग शामिल होता है घरेलू हिंसा की कोई शिकायत प्राप्त होने पर संरक्षण अधिकारी को एक डी.आई. आर (घरेलू हिंसा अधिनियम के प्रावधान अनुसार) तैयार कर मजिस्ट्रेट को प्रस्तुत करना होता है अथवा उसकी प्रतियां संबंधित पुलिस थाने के प्रभारी पुलिस अधिकारी को भी दी जाती है इस अधिनियम के अंतर्गत महिला को संरक्षण आदेश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से निशुल्क अधिवक्ता जाने का कार्य इस अधिनियम के अंतर्गत संरक्षण अधिकारी द्वारा किया जाता है जिसकी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।
तत्पश्चात सुश्री राखी यादव केंद्र प्रशासक सखी वन स्टॉप सेंटर के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत बाल विवाह एवं बेटी बचाओं बेटी पढाओं विषय पर जागरूक किया गया।
मुख्यमंत्री द्वारा 10 मार्च 2024 को “बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान” का शुभारंभ किया गया था। उक्त बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ अभियान के प्रभावी रोकथाम हेतु जिले में लगातार जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है 18 वर्ष से अधिक आयु का पुरूष, यदि 18 वर्ष से कम आयु की किसी महिला से विवाह करता है तो उसे 2 वर्ष तक के कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रूपय तक हो तकता है, अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा असमें सहायता करता है उसे 2 वर्ष तक का कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रूपए तक हो सकता है, अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। एवं बालक बालिकाओं को गुड टच और बेड टच की भी जानकारी दी गयी सखी वन स्टाप सेंटर में दिये जाने वाले विभिन्न सेवाओं को विस्तार से जो महिला पीड़ित एवं संकटग्रस्त है उनको एक ही छत के नीचे आवश्यकता अनुसार सेवाएं जैसे चिकित्सा सुविधा पुलिस सहायता विधिक सहायता परामर्श एवं आपातकालीन आश्रय के साथ रेस्क्यू वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है महिला किसी भी समस्या से पीड़ित जैसे घरेलू हिंसा ,दहेज प्रताड़ना, दैहिक शोषण ,टोनही प्रताड़ना, धोखाधड़ी, छेड़छाड़, मानसिक रोगी, नशे की हालत, भटकती अवस्था, भरण पोषण, एसिड हमले ,बलात्कार, संपत्ति विवाद, साइबर क्राइम, व्यक्तिगत वाद विवाद, जैसे विभिन्न प्रकार की किसी भी समस्या से पीड़ित महिलाएं वन स्टॉप सेंटर की सहायता प्रत्यक्ष रूप से जिला बेमेतरा में गस्ती चौक यूनियन बैंक के पास आकर या महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर फोन कर सहायता ले सकती है सखी वन स्टॉप सेंटर 24 घंटे सातों दिन संचालित रहता है एवं यह छत्तीसगढ़ में पूरे 27 जिलों में संचालित है, की जानकारी विस्तार से दी गई। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में बालक/बालिका स्कूल के शिक्षक, लक्ष्मी पटेल पर्यवेक्षक सेक्टर कंतेली तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिका का विशेष योगदान रहा।
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