एन.एस.एस. देश के हर कोने में सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है – डॉ. अरविंद कुमार

शासकीय ग्राम्य भारती महाविद्यालय हरदीबाजार के रा.से.यो. के सात दिवसीय विशेष शिविर में लगाया गया वृहद चिकित्सा जाँच शिविर।

विनोद उपाध्याय/कोरबा, 20 नवंबर (वेदांत समाचार)। राष्ट्रीय सेवा योजना भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा संचालित देश के युवाओं को समाज से जोड़ने वाली एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है जिसका उद्देश्य देश की भावी युवा पीढ़ी का ‘समाज सेवा के माध्यम से व्यक्तित्व का विकास’ करना है। इसमें युवाओं के शारीरिक, मानसिक, बौध्दिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए नियमित गतिविधियों के अतिरिक्त सात दिवसीय विशेष शिविर का प्रावधान है।

इसी कड़ी में इस वर्ष ग्राम पंचायत नोनबिर्रा के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में शासकीय ग्राम्य भारती महाविद्यालय, हरदीबाजार के संयुक्त सात दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसके चौथे दिन “स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है” के अपरिहार्य संदेश को ग्रामीणों एवं विद्यालयीन छात्र-छात्राओं तक पहुँचाने के उद्देश्य से एस.ई.सी.एल. दीपका क्षेत्र प्रगति नगर चिकित्सालय के संयुक्त तत्वाधान में निःशुल्क स्वास्थ जाँच शिविर का आयोजन किया गया। एस. ई. सी. एल. चिकित्सालय, प्रगति नगर सी.एम.ओ. डॉ. अरविंद कुमार के नेतृत्व में 6 चिकित्सा कर्मचारियों ने लगभग 250 ग्रामीणों, विद्यालयीन छात्र-छात्राओं एवं स्वयंसेवकों की स्वास्थ संबंधी समस्याओं के निदान के पश्चात उनका उपचार किया तथा निःशुल्क दवाइयाँ भी दीं।

स्वयंसेवकों के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी प्रो. अखिलेश पाण्डेय ने एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर रोगों के इलाज के बजाय उनके रोकथाम की बात कही। साथ ही उन्होंने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए सभी से दवाइयों का प्रयोग कम करने की अपील की। साथ ही शिविर की बौध्दिक परिचर्चा में स्वास्थ के लिए युवा विषय पर ग्राम नोनबिर्रा के डॉ. रामकुमार श्रीवास, कटघोरा के जय बूढ़ादेव महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्यारेलाल आदिले, एल.आई.सी. एम.डी.आर.टी. श्री मनोज कुमार गुप्ता तथा नोनबिर्रा के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के व्याख्याता डॉ. अजय सोनी ने अपने बहुमूल्य विचार सभा के साथ साझा किए। कार्यक्रम को सफल बनाने में शिविर में बतौर सहायक कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित श्री रामेश्वर राम आदित्य तथा वरिष्ठ स्वयंसेविका सुश्री माया सागर का योगदान सराहनीय रहा।

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