महिला सशक्तिकरण का उदाहरण : छत्तीसगढ़ की महिलायें राम मंदिर निर्माण के लिए एकजुट…अपनी महतारी वंदन राशि एवं गांव-गांव जाकर एकत्र कर रही चंदा

सारंगढ़ बिलाईगढ़, 19 नवम्बर (वेदांत समाचार) I जिला मुख्यालय से महज 4 किमी दूरी पर स्थित ग्राम दानसरा में महिलाओं के द्वारा एक अच्छी पहल की जा रही है।इन्होंने गांव में राम मंदिर निर्माण को बीड़ा उठाया है। इसे लेकर श्रीराम  महिला समिति का गठन कर अपने-अपने घरों से मंदिर निर्माण को लेकर महतारी वंदन योजना में आ रही रकम का कुछ अंश निकालकर गांव एवं आसपास के गांव में जाकर टोली बनाकर राम मंदिर निमार्ण को लेकर चावल से लेकर चंदा  एकत्र कर मंदिर निर्माण में जुटी हुई है। जो अपने आस्था एवं श्रद्धा को लेकर एक मिसाल पेश कर रहे हैं।

मंदिर निर्माण को लेकर इनका जुनून देखते ही बन रहा है। महिलाओं का कहना है कि यह प्रेरणा अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद हमें आई इसके बाद गांव की महिलाओं के साथ इसे लेकर चर्चा कर सब की सहमति बनने के बाद एक समिति गठन कर मंदिर निर्माण का प्रण लिए हैं। देखते ही देखते इस अभियान 70 महिलाएं जुड़ गई। 3 महीना पहले मंदिर का भूमि पूजन कर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जो मंदिर के ढलाई लेबल तक पहुंच गया है। महिलाएं अपने-अपने घरों की कार्य  कर समय निकाल कर मंदिर निर्माण के कार्य को लेकर अपना सारा ध्यान लगा रही है। महिलाओं का कहना है हमारा मानना है कि हर कोई अयोध्या जाकर प्रभु राम के दर्शन नहीं कर सकता तो इसलिए क्यों ना हम इस क्षेत्र में एक राम मंदिर का निर्माण करें।जिससे जो अयोध्या ना जा सके प्रभु राम के दर्शन यहां कर सकें।

अब सपने में आने लगे राम लला

महिलाओं की राम मंदिर के प्रति आस्था इतनी बढ़ गई है की दिन रात सोचते हैं कब यहां रामजी विराजमान हो अब तो राम लला इनके सपने में भी आने लगे हैं। चमेली शर्मा चर्चा के दौरान कहती हैं की 15 दिन पहले मेरे सपने में भगवान राम बाल रूप में मेरे घर में आकर दर्शन दिए घर में खेलकूद कर मुस्कुरा रहे थे मैं भी उन्हें देख देख बहुत खुश हो रही थी और मैं भी मुस्कुरा रही थी ।मेरे अलावा गांव की तीन महिलाओं को भी प्रभु श्रीराम सपने में दर्शन दे चुके हैं बस अब एक ही इच्छा है गांव में जल्द से जल्द भगवान राम विराजे।

गांव-गांव जाकर महिलाओं को कर रहे प्रेरित

राधा मोहन साहू, चमेली शर्मा,दिल कुंवर चौहान, नमिता शर्मा, हीराबाई  राव, सुशीला मिश्रा,देवमती प्रधान,संतोषी गोस्वामी रंभा मालाकार, सावित्री चौहान एवं अन्य महिलाएं चर्चा पर बताती है कि गांव की महिलाएं अपनी महतारी वंदन से आ रही रकम का कुछ लोग तो पूरा तो कुछ लोग अंश दान राम मंदिर निर्माण में दे रहे है।हम लोग  टीम बनाकर गांव के अलावा अन्य गांवों में जाकर महिलाओं इस कार्य को प्रेरित भी कर रहे हैं और उनसे सहयोग भी ले रहे हैं । उनसे व्यापक समर्थन में मिल रहा है।राम मंदिर को लेकर वे गांव गांव की महिलाएं अपने सहयोग के साथ साथ  राम मंदिर में निर्माण में जुड़ रही है वो सगे संबंधियों जोड़ भी रही है। इससे हमारा आत्मविश्वास दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहा है। हमारी इच्छा है राम लला रामनवमी तक मंदिर में विराजमान हो जाए।

एकत्र किए गए चावल से मिले 14 हजार की रूपये

महिलाएं बताती हैं कि गांव एवं अन्य गांवों में हम जब जाते हैं तो राम मंदिर को लेकर अपने सामर्थ अनुसार महिलाएं सहयोग दे रही हैं। कोई चावल-दाल  तो कोई  नगदी रकम दे रहे है। गांव गांव में मिले चावल इतना इकठ्ठा हो  गया कि कुछ दिन पहले इसे बेचने से 14 हजार मिले। जिसे मंदिर निर्माण में लगाया गया है।

महिलाओं में जागरूकता के साथ-साथ आस्था भी बढ़ी

छत्तीसगढ़ बनने के बाद महिलाएं शिक्षा ,सामाजिक गतिविधि के साथ-साथ धार्मिक आयोजनों में बढ़-कर कर हिस्सा ले रही है। जिसका एक उदाहरण दानसरा में ही देखा जा सकता है। यहां कि महिलाएं राम मंदिर निर्माण का गुरुतर दायित्व अपने कंधों पर लिया है।  जिससे अंचल की महिलाएं प्रेरित होकर जुड़ भी रही है जो नारी सशक्तिकरण को दिखा है। 

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