कोरबा। एनटीपीसी, कोरबा प्रबंधन जिला प्रशासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ाने में लगा है। जिला प्रशासन के निर्देश पर राज्य सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों को आबंटित किए गए आवास को खाली करने नोटिस थमाया गया है।
एनटीपीसी, कोरबा के आवासीय परिसर में जिला प्रशासन के कई विभागों के कई कर्मचारी और अधिकारी निवासरत हैं। जिला प्रशासन के निर्देश पर एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा इन्हें मासिक किराए पर आवास का आबंटन किया गया था। अब इन्हें 15 दिवस के भीतर आवास खाली करने का नोटिस थमाया गया है। नोटिस में कहा गया है कि उन्हें आवास आबंटन आदेश के नियम एवं शर्त संख्या 22 के अनुसार आवश्यकतानुसार 15 दिनों के अंदर आवास को खाली करना है। जबकि एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा आवास आबंटन के दौरान जो लिखित शर्त रखी गई थी, इसके अनुसार संबंधित विभाग, विद्याालय में पोस्टिंग रहने तक आवास का आबंटन किया जाना उल्लेखित किया गया है।
एनटीपीसी प्रबंधन ने जिन शर्तों पर आवास का आबंटन किया है, अब इसके विपरित आवास खाली करने नोटिस थमाया गया है। दरअसल एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा यमुना विहार के पुराने हो चुके 1300 आवासों का ध्वस्तिकरण किया जा रहा है। प्रबंधन ने अपने नोटिस में ध्वस्तिकरण का हवाला देकर आवास खाली करने कहा है। जबकि जिन आवासों का ध्वस्तिकरण किया जा रहा है वे पहले से ही रिक्त थे। 1300 मकानों के ध्वस्तिकरण के बावजूद एनटीपीसी आवासीय परिसर में सरप्लस आवास हैं। एनटीपीसी में नियमित मैनपावर बहुत कम है। संयंत्र और संयंत्र के बाहर के अधिकांश कार्य आउटसोर्सिंग से होते हैं। जिला प्रशासन द्वारा जिले के औद्योगिक प्रतिष्ठानों को राज्य सरकार के कर्मचारियों, अधिकारियों को आवास आबंटन किए जाने का निर्देश है। एनटीपीसी, छत्तीसगढ़ विद्युत कंपनी, बालको, एसईसीएल के आवासों में बड़ी संख्या में अनाधिकृत लोगों का भी कब्जा है। इनमें ऐसे शासकीय कर्मचारी और अधिकारी भी हैं जिनकी पोस्टिग जिले में नहीं है। औद्योगिक प्रतिष्ठानों का प्रबंधन ऐसे लोगों के खिलाफ मकान खाली करवाने की कार्रवाई नहीं करता है।
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