नगर पालिका में स्वच्छता श्रृंगार योजना में भ्रष्टाचार : इतनी राशि में पूरे वार्ड में बन जाते नए शौचालय, चार साल में कार्य एजेंसी को बिना काम के 81 लाख रुपए से अधिक का भुगतान

खैरागढ़, 14 नवम्बर (वेदांत समाचार). नगर पालिका में स्वच्छता श्रृंगार योजना के नाम पर पिछले चार साल में सबसे बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। योजना के नाम पर पालिका प्रशासन कार्य एजेंसी को अब तक 81 लाख रू से अधिक भुगतान कर चुकी है। इतनी राशि में शहर के 20 वार्डों में लगभग नए शौचालय बनाए जा सकते थे। लेकिन योजना में बंदरबाट करने अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से कार्य एजेंसी को बिना कार्य क। एवज में उक्त भुगतान किया जाता रहा है। स्वच्छता श्रृंगार योजना के तहत कार्य एजेंसी भिलाई के शोभा वेलफेयर को शहर के विभिन्न वार्डो में स्थापित 19 शौचालयों की रोजाना साफ-सफाई कराने, ईतवारीबाजार और पुराने थाने के सामने स्थित सार्वजनिक शौचालय में। 24 घंटे केयर टेकर रखने का जिम्मा है। लेकिन कार्य एजेंसी द्वारा केयर टेकर रखने की बात तो दूर चार साल से किसी भी शौचालयों की साफ-सफाई तक नहीं कराई गई है।

हर माह साफ सफाई कराने के नाम पर पालिका द्वारा स्वच्छता श्रृंगार योजना के तहत कार्य एजेंसी शोभा वेलफेयर को छह से आठ माह में प्रति माह 1 लाख 81 हजार रू के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। पिछले चार साल से उक्त भुगतान रायपुर से लेकर स्थानीय पालिका अधिकारियों, कर्मचारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की व्यवस्था बनाकर कराए जाने के आरोप हैं।

अधिकारियों की मिलीभगत इसलिए खेल

स्वच्छता श्रृंगार योजना के नाम पर भुगतान होने के पीछे भी कई हकीकत सामने आई है। रायपुर से इस योजना के लिए भुगतान लाने की जवाबदारी कार्य एजेंसी ने खुद उठाई है। कांग्रेस सरकार के दौरान छह से आठ माह में एकमुश्त राशि आने के बाद इसका भुगतान कार्य एजेंसी को कर दिया गया है। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद इसका दिसंबर 23 से भुगतान अटका था। सत्ता सरकार बदलने के बाद इसके भुगतान के लिए एड़ी चोटी एक कर राशि दिवाली के पहले आई। कार्य एजेंसी के संचालक के बिना पालिका आए इसका बिल बनाकर आनन-फानन में 10 लाख से अधिक राशि का भुगतान कर दिया गया। बताया गया कि योजना में भ्रष्टाचार के लिए रायपुर से लेकर स्थानीय पालिका तक चेन बना है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी इसमें मिलीभगत है। जिसके चलते इस बार भी बिना कार्यवाही और जानकारी के भुगतान कर दिया गया।

कमरों को मरम्मत की दरकार

चार साल में कार्य एजेंसी को लगभग 81 लाख रू से अधिक का भुगतान पालिका ने किया है। इतनी बड़ी राशि में सभी 20 वार्डों में नए शौचालय बनाए जा सकते हैं। जबकि आज भी शहर के अधिकांश शौचालयों में मरम्मत और समय-समय पर कार्यवाही नहीं होने से सीट टूटे पडे़ हैं। कई कमरों को मरम्मत की दरकार होने के कारण बंद कर दिया गया है। अधिक ांश शौचालयों का सबसे ज्यादा उपयोग होने के कारण काई और कचरे इकटठे हो गए हैं। लेकिन कार्य एजेंसी द्वारा सफाई कराए जाने की पुष्टि पालिका के किसी भी स्वच्छता कर्मियों ने नही की है। स्वच्छता कर्मियों का दावा है कि सप्ताह में एक से दो बार उनके द्वारा ही पालिका के सभी सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई की जाती है। अधिकारियों के निर्देश अथवा शिकायत आने पर ही शौचालयों की सफाई होती है।

विकास के नाम पर धोखा

पालिका में भ्रष्टाचार की लंबी लिस्ट है। स्वच्छता श्रृंगार योजना की राशि को जानबूझकर बंटरबाट किया जा रहा है। कुर्सी खरीदी, अध्यक्ष और पार्षद निधि के साथ अब केन्द्र सरकार की योजना भी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की जेब में जा रहा है।

  • दीपक देवांगन, नेता प्रतिपक्ष नगरपालिका खैरागढ़

प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद बेमानी

विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने कहा कि पालिका में भ्रष्टाचार सहित कदाचार के कई मामलों में शिकायत के बाद जिला प्रशासन अपनी मौन सहमति देकर शामिल है जिसके कारण पालिका के कार्यों में जांच और कार्यवाही की मांग बेमानी है।

ऐसे निकलता है बिल

हर माह योजना के नाम पर स्वच्छता श्रृंगार योजना में कार्य एजेंसी द्वारा शहर के 19 सार्वजनिक शौचालयों में प्रतिदिन सफाई और दो शौचालयों में केयर टेकर रखे जाने के नाम पर 1 लाख 81 हजार का बिल एकमुश्त थमाया जाता है। इसमे किसी प्रकार के बाउचर व केयर टेकर के नाम नहीं हैं। बिल के पुटअप होते ही इसकी नोटशीट बनाकर प्रस्तुत की जाती है। जिसके बाद चेक सीधे कार्य एजेंसी के खाते में भुगतान होता है। सत्ता बदलने के बाद सत्ताधारी दल के कुछ जनप्रतिनिधि अब इस योजना की राशि के बंदरबाट में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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