कोरबा जिला परिवहन कार्यालय में भ्रष्टाचार और दलालों का प्रभाव एक गंभीर मुद्दा बन गया है, जिसमें दलालों को डीटीओ के चेंबर में सीधे प्रवेश की अनुमति है, जबकि अन्य लोगों के लिए अलग-अलग नियम लागू किए जाते हैं।
कोरबा,11 नवम्बर (वेदांत समाचार)। कोरबा जिला परिवहन कार्यालय में भ्रष्टाचार और दलालों का प्रभाव एक गंभीर मुद्दा बन गया है। बताया जा रहा है कि दलालों को डीटीओ के चेंबर में सीधे प्रवेश की अनुमति है, जबकि अन्य लोगों के लिए अलग-अलग नियम लागू किए जाते हैं। इससे ऐसा लगता है कि अधिकारियों और दलालों के बीच मिलीभगत हो सकती है, जिससे कई काम केवल पैसों के लेन-देन के बाद ही होते हैं ¹।
यह स्थिति छत्तीसगढ़ सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के विपरीत है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती से निपटने का दावा करती है। यदि ये आरोप सच हैं, तो यह सरकार के दावों की सच्चाई पर सवाल खड़ा करता है।
इस मामले में कार्रवाई की जरूरत है ताकि परिवहन कार्यालय में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित हो सके। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- जांच करें: इस मामले में एक निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
- दलालों का प्रभाव कम करें: परिवहन कार्यालय में दलालों के प्रभाव को कम करने के लिए सख्त नियम बनाए जाने चाहिए।
- पारदर्शिता बढ़ाएं: परिवहन कार्यालय में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन सेवाएं शुरू की जा सकती हैं और नागरिकों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा सकता है।
इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए ताकि नागरिकों को न्याय मिल सके और परिवहन कार्यालय में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित हो सके।
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