पक्की सड़क पर फिर सड़क निर्माण: सीसी रोड निर्माण के नाम पर लाखों की राशि के दुरुपयोग का प्रयास, ग्राम पंचायत रंगोले का मामला

0 मरम्मत, पेयजल, रंग- रोगन सहित अन्य निर्माण के कार्य कागजो पर कराए.

कोरबा/पाली, 09 नवंबर (वेदांत समाचार)। विकास कार्यो के नाम पर शासन की राशि का दुरुपयोग कैसे किया जाता है, यह कोई ग्राम पंचायत रंगोले के सरपंच- सचिव से सीखे। जिन्होंने निर्माण कार्य के लिए मिली राशि का बंदरबांट करने के उद्देश्य को लेकर पहले से निर्मित सीसी रोड के ऊपर फिर सीसी रोड निर्माण कराने का निर्णय लिया है और मौके पर बकायदा रेत, गिट्टी रखकर निर्माण प्रारंभ कराने की तैयारी में है

इस पंचायत के छपराही पारा में लगभग 300 मीटर के गली कांक्रीटीकरण की स्वीकृति मिली है। हालांकि कार्य किस मद अथावा योजना से है, इसकी जानकारी तो नही मिल पाई। किन्तु इस मोहल्ला में जो सीसी रोड पहले से निर्मित है उसकी स्थिति काफी अच्छी है। लेकिन फिर भी यहां की सरपंच संता कंवर एवं सचिव सुनील कुर्रे की मिलीभगत और भ्रष्ट्राचार करने की नीयत से सीसी रोड के ऊपर पुनः सीसी रोड निर्माण के लिए लाखों की राशि शासन- प्रशासन से स्वीकृत करा ली तथा जिस भ्रष्ट्राचार को लेकर निर्माण कार्य प्रारंभ कराने की स्थिति में है। जो सीधे तौर पर शासकीय राशि का दुरुपयोग है। जबकि इस पंचायत के अनेक मोहल्लों की गलियां कच्ची है और बारिश के दिनों में जहां के निवासियों को जिन कच्चे रास्ते मे आने जाने में बेहद परेशानी होती है। जिस ओर पंचायत के जिम्मेदारों का कोई ध्यान नही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सरपंच- सचिव की मनमानी चरम पर है और वे गांव के विकास की आड़ में अपना निजी विकास करने में लगे है। सरपंच- सचिव के रवैये से ग्रामीणों में खासी नाराजगी है।

आखिर कैसे मिली निर्माण की तकनीकी स्वीकृति?


ग्राम पंचायतों में कराए जाने वाले लाखों के निर्माण कार्यों के लिए उपअभियंता द्वारा स्थल निरीक्षण करने पश्चात संबंधित अधिकारियों द्वारा निर्माण के लिए तकनीकी स्वीकृति प्रदान की जाती है। लेकिन रंगोले में पूर्व से निर्मित सीसी रोड वह भी ठीकठाक स्थिति में,जिसके ऊपर पुनः सीसी रोड निर्माण की स्वीकृति आखिर कैसे दे दी गई, यह समझ से परे है। इससे सरपंच- सचिव के साथ संबंधित अधिकारियों- कर्मचारियों का सांठगांठ भी परिलक्षित होता है। ऐसे में इस प्रकार के दोहरे निर्माण कार्य प्रारंभ कराने से पहले सभी की जांच बहुत ही जरूरी है, ताकि शासन के पैसों का बंदरबांट होने से बच जाए।

मरम्मत कार्य, पेयजल व्यवस्था, रंगाई- पोताई सहित अन्य कार्यों के नाम पर पंचायत मद की राशि का मनमाना दोहन


यहां की सरपंच संता कंवर व सचिव सुनील कुर्रे ने मिलकर मरम्मत कार्य, शासकीय भवनों में रनिंग वाटर सिस्टम, भवन रंगाई- पोताई कार्य, पेयजल व्यवस्था सहित अन्य निर्माण के कार्य कागजों में कराकर मूलभूत, 14वें व 15वें वित्त आयोग के लाखों की राशि का जमकर वारा- न्यारा किया है और ग्राम विकास के लिए मिले राशि से खुद का विकास किया है। जिसे प्रमाणित तौर पर उजागर अगले खबर में किया जाएगा।

सीईओ सोनवानी ने बोला कलेक्टर अजीत मेरा दोएत तो सरपंच, सचिव ने बोला मामला सुलटा लेंगे


जब पूरे मामले को लेकर सरपंच श्रीमती संता कंवर के मोबाइल नम्बर क्रमांक- 8815726159 पर बात की गई तब उन्होंने कहा कि सचिव सुनील पूरे पंचायत का हिसाब किताब रखता है और बैंक से मेरे हस्ताक्षर से पैसे वही आहरण करता है। मुझे मामले की जानकारी नही है सचिव से बात करें। जब सचिव सुनील कुर्रे के फोन नंबर क्रमांक- 7000667294 पर बात की गई तो उनका आवाज अस्पष्ठ था इस कारण उनका जवाब नही मिल पाया लेकिन पाली जनपद सीईओ भूपेंद्र सोनवानी तो राजा भोज की तरह पेश आए और उनका कथन भी किसी महाराजा से कम नही था, उन्होंने बोला कि मामला आया होगा तो जिला स्तर का जांच होगा और वे अपने दोस्त कलेक्टर अजित वंसल को बोलकर सब ठीक कर लेंगे। इससे आप समझ सकते है कि भ्रट्राचार किस हद तक फैला है। बहरहाल इस भ्रष्ट्राचार में ग्रामीणों ने स्वतंत्र जांच की मांग की है और ऐसे अधिकारी को भगाने की मांग की है जो कलेक्टर का नाम लेकर अपनी मनमौजी करते हुए शासन की योजना में ग्रहण लगाए।

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