कोरबा, 08 नवंबर । आकांक्षी जिला कोरबा में ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना एवं जिला खनिज संस्थान न्यास से जारी शासकीय धनराशि से कार्य नहीं कराकर शासन की मंशा पर पानी फेर लाखों रुपए दबाए बैठे तत्कालीन सरपंच सचिवों से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पूर्व शासकीय राशि की वसूली की कवायद तेज हो गई है।
कलेक्टर के कड़े फरमान के बाद जनपद पंचायत सीईओ ने हाल ही के कुछ माह के भीतर एसडीएम कार्यालय को 16 पंचायतों के 17 प्रकरण पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत भेजा है।इनसे 40 लाख 64 हजार 668 रुपए की रिकवरी किया जाना है। एसडीएम कोर्ट से संबंधितों को नोटिस जारी कर शासकीय धनराशि की कवायद शुरू की जा रही है। कार्रवाई के भय से सम्बंधितों ने राशि समायोजित करने की भी कवायद शुरू कर दी है।
जनपद पंचायतों से प्राप्त जानकारी अनुसार कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कटघोरा के यहाँ सर्वाधिक रिकवरी प्रकरण हैं। यहाँ 9 ग्राम पंचायतों के 10 प्रकरणों में सरपंचों ,तत्कालीन सरपंचों से 23 लाख 54 हजार 100 रुपए की वसूली की जानी है। जिन्होंने जिला खनिज संस्थान न्यास ( डीएमएफ) से राशि प्राप्त होने के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं कराए। इन ग्राम पंचायतों में तेलसरा, नवापारा,रंजना, कसईपाली,मौहाडीह ,डोंगरी,कोलिहामुड़ा, जवाली एवं सलोरा (ख)शामिल हैं। एसडीएम कार्यालय को दिनांक 05 अगस्त 2024 को भेजे गए प्रकरण के अनुसार तेलसरा की पूर्व सरपंच श्रीमती ललिता से 60 हजार , वर्तमान सरपंच श्रीमती इंदु तंवर से 1 लाख 95 हजार , नवापारा की सरपंच श्रीमती लेखनी बाई कंवर से ₹ 2 लाख ,रंजना की सरपंच श्रीमती ममता मरकाम से 5 लाख 83 हजार 600 ,कसईपाली की सरपंच श्रीमती गीता गोंड से 2 लाख ,मौहाडीह की सरपंच श्रीमती सावित्री बाई से 1 लाख 25 हजार रुपए ,डोंगरी की सरपंच इंद्रपाल सिंह कंवर से 3 लाख 82 हजार 500 रुपए ,कोलिहामुड़ा के सरपंच फागुन सिंह कंवर से 2 लाख 71 हजार 500 रुपए ,,जवाली की सरपंच श्रीमती संगीता कंवर से 2 लाख 71 हजार 500 एवं ग्राम पंचायत सलोरा (ख) के सरपंच पंचसिंह से 65 हजार की वसूली की जानी है। कटघोरा एसडीएम रोहित सिंह का कहना है कि इनमें से अधिकांश ने काम शुरू कर दिए हैं या रिकवरी हो गई है। वास्तविक स्थिति जनपद सीईओ बेहतर बता सकेंगे।
बात करें करतला ब्लॉक की तो यहाँ 5 ग्राम पंचायतों के सरपंचों से 9 लाख 80 हजार 668 रुपए की शासकीय धनराशि की वसूली की जानी है। जिसमें से 6 लाख 97 हजार 2 रुपए मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना तो 2 लाख रुपए 83 हजार 666 जिला खनिज संस्थान न्यास मद की है। मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना में ग्राम पंचायत कर्रापाली के पूर्व सरपंच सुमेंद सिंह कंवर से 2 लाख रुपए ,ग्राम पंचायत बढ़ियापाली के पूर्व सरपंच नरेंद्र सिंह कंवर से 2 लाख रुपए एवं ग्राम पंचायत सुखरीकला के पूर्व सरपंच श्रीमती
गुड़िया बाई नागरची से 2 लाख 97 हजार की रिकवरी किया जाना है। वित्तीय वर्ष 2019 -20 में मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के तहत तीनों पंचायतों को क्रमशः मुक्तिधाम ,सीसी रोड एवं उचित मूल्य की दुकान निर्माण कराया जाना था। जहां कर्रापाली,बुढियापाली ने 2 -2 लाख रुपए की प्रथम किश्त की राशि मे कार्य की नींव तक डाली तो वहीं सुखरीकला को जारी 5 लाख 60 हजार की राशि में सब इंजीनियर के द्वारा 1 अक्टूबर 2024 को किए मूल्यांकन अनुसार 2 लाख 62 हजार 998 रुपए का ही कार्य कराया गया है। 2 लाख 97 हजार 2 रुपए की शासकीय धनराशि अभी भी सरपंच-सचिव दबाए बैठे हैं। जिसकी वसूली की जानी है।
नोटिस के बाद सचिव ने 2 लाख किया समायोजित,पूर्व जनपद अध्यक्ष के पति तत्कालीन सरपंच 2 लाख अभी भी दबाए बैठे
बात करें डीएमएफ मद की तो ग्राम पंचायत बरपाली एवं सुखरीखुर्द सिद्धरामपुर के सरपंच सचिवों ने अभी भी 2 लाख 83 हजार 666 रुपए की शासकीय धनराशि 6 साल से दबाए बैठे हैं। जनपद सीईओ करतला द्वारा 25 जून 2024 को कोरबा एसडीएम को ग्राम पंचायत बरपाली के पूर्व सरपंच गोविंद नारायण सिंह के विरुद्ध धारा -92 के तहत कार्यवाही के लिए प्रकरण भेजा गया है । जिसके तहत 22 जून 2018 को जिला खनिज संस्थान न्यास मद योजना अंतर्गत बरपाली में बस स्टैंड से हंसराज यादव घर तक आरसीसी नाली निर्माण हेतु 18 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई थी। जिसकी प्रथम किश्त के तौर पर 4 लाख की राशि जारी की गई थी। लेकिन 25 जून 2024 तक सब इंजीनियर के मूल्यांकन अनुसार उक्त कार्य की नींव तक नहीं डाली गई। तत्कालीन सरपंच गोविंद नारायण एवं सचिव ने राशि दबा ली थी। एसडीएम को भेजे गए प्रकरण के बाद तत्कालीन पंचायत सचिव बिरेन्द्र किरण(वर्तमान पचपेड़ी) ने 09 सितंबर 2024 को चेक के माध्यम से अपने हिस्से की 2 लाख रुपए की राशि जमा करा दी है।जिसके उपरांत जनपद सीईओ करतला ने 01 अक्टूबर को जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखकर संबंधित सचिव के वेतन से वसूली नहीं किए जाने का आग्रह किया है। बात करें सुखरीखुर्द सिद्धरामपुर की तो यहाँ भी आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए जारी शासकीय धनराशि दबाए बैठे तत्कालीन सरपंच लच्छीराम जगत एवं तत्कालीन सचिव बलदाऊ कर्ष (वर्तमान कर्रापाली ) से 83 हजार 666 रुपए की रिकवरी की जानी है।इनकी वजह से डीएमएफ से 6.45 लाख की लागत से स्वीकृत आंगनबाड़ी भवन निर्माण की नींव तक नहीं डाली जा सकी ।शासन की मंशा पर पानी फिर गई।फिलहाल इन प्रकरणों में एसडीएम न्यायालय से रिकवरी की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। एसडीएम कोरबा के द्वारा हमेशा की तरह कॉल रिसीव नहीं करने की वजह से अद्यतन स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।
कोनकोना में प्राथमिक शाला भवन का दीवाल के बाद काम ठप्प, दबाए डीएमएफ की 3 लाख 48 हजार
पोंडीउपरोड़ा जनपद सीईओ द्वारा 23 जुलाई 2024 को भेजे गए प्रकरण अनुसार ग्राम पंचायत कोनकोना के तत्कालीन सरपंच जमुना बाई एवं तत्कालीन सचिव कैलाश सिंह से 3 लाख 48 हजार के शासकीय धनराशि की रिकवरी की जानी है। इन्होंने ग्राम पंचायत कोनकोना के ग्राम बरौदखार में 1 जनवरी 2018 को डीएमएफ से 10 लाख 85 हजार की लागत से स्वीकृत प्राथमिक शाला भवन निर्माण की प्राप्त राशि 8 लाख में से दीवाल स्तर के बाद कार्य लटका दिया। सब इंजीनियर के मूल्यांकन में 4 लाख 52 हजार का कार्य किया जाना पाया गया है। बार बार निर्देश के बाद भी 5 साल के कार्य पूर्ण कराने में रुचि नहीं दिखाए जाने पर जनपद सीईओ ने सख्ती बरती है। प्रकरण में वसूली की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
बेला सरपंच ने दबाए डीएमएफ के सीसीरोड निर्माण के 3 लाख 82 हजार
कोरबा जनपद सीईओ द्वारा 15 जुलाई 2024 को भेजे गए प्रकरण अनुसार ग्राम पंचायत बेला के सरपंच से 3 लाख 82 हजार के शासकीय धनराशि की रिकवरी की जानी है। इन्होंने ग्राम पंचायत बेला के सुअरधार मोहल्ला से मेन रोड टापरा मार्ग में वित्तीय वर्ष 2021 -22 में डीएमएफ से 19 .10 लाख की लागत से स्वीकृत सीसीरोड निर्माण कार्य के प्रथम किश्त 7 लाख 64 हजार की राशि में कार्य ही प्रारंभ नहीं कराया। लिहाजा सरपंच के हिस्से की रिकवरी 3 लाख 82 हजार रुपए की रिकवरी एसडीएम कोर्ट से की जाएगी। सचिव के हिस्से की रिकवरी उसके वेतन से की जाएगी। बताया जा रहा है कि प्रकरण प्रक्रियाधीन हैं।
तो जनपद सीईओ ,एसडीएम को दिखानी होगी तेजी
निश्चित तौर पर शासकीय धनराशि की वसूली को लेकर जिले के मुखिया कलेक्टर अजीत वसंत जिस तरह संजीदा है वह काबिले तारीफ है। चंद माह बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है उसके पूर्व शासकीय धनराशि की जिम्मदारों से वसूली निहायत ही जरूरी है। खासकर सरपंचों से जो आसन्न चुनाव में शामिल होने एनओसी के इंतजार में हैं। कलेक्टर श्री वसंत प्रत्येक बैठकों में वसूली की समीक्षा कर रहे हैं,लेकिन इस दिशा में जनपद सीईओ एवं एसडीएम कार्यालय से उतनी संजीदगी नहीं दिखाई जा रही है। जहाँ करतला ,कटघोरा को छोंड़कर अन्य जनपदों में अंतिम नोटिस जारी करने तक में रुचि नहीं दिखाई जा रही है। पाली जनपद में तो बकाया राशि की एक साथ फाइल तक संधारित नहीं है। किसी तरह जो करारोपण अधिकारी संधारित कर रहा वो भी मेडिकल अवकाश में है। जिससे वसूली की स्थिति भी अस्पष्ट है। कोरबा जनपद एवं पाली जनपद पंचायत हमेशा सुर्खियों में रहता है। लेकिन यहाँ वसूली को लेकर अंतिम नोटिस तक जारी नहीं की जा रही है। जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है मानों जनपद पंचायत सरपंच सचिवों पर सख्ती नहीं बरतना चाहते। वहीं एसडीएम कोर्ट में दर्ज प्रकरणों में भी गति नहीं आ रही है । जिसमें अपेक्षित गति की दरकार है। ताकि चुनाव पूर्व वसूली की कार्रवाई पूरी हो सके।
वर्जन 👇
प्रकरण भेज दिए हैं ,शासकीय धनराशि की वसूली प्रथम प्राथिमिकता
हमने प्रकरण एसडीएम कार्यालय भेज दिया है। प्रकरण भेजने के उपरांत एक सचिव ने अपने हिस्से की राशि चेक के माध्यम से जमा करा दी है। सभी योजनाओं के बकाया राशि की वसूली प्राथिमकता से करने अंतिम नोटिस जारी कर रहे हैं। कई पंचायतों ने कार्य प्रारंभ कर दिया है।
मोहनीश देवांगन,प्रभारी जनपद सीईओ करतला
प्रकरण भेज दिया है एसडीएम बताएंगे
डीएमएफ के बकाया राशि के प्रकरण हमने एसडीएम कार्यालय भेज दिया है । प्रकरण में आगामी कार्रवाई की स्थिति एसडीएम सर ही बेहतर बता सकते हैं।वसूली कार्य में अत्यंत प्राथिमकता दे रहे हैं।
यशपाल सिंह ,सीईओ, जनपद पंचायत कटघोरा
वसूली की कार्रवाई लगभग पूरी
विभिन्न प्रकरण दर्ज हैं। जिसमें या तो वसूली की कार्रवाई लगभग पूरी कर ली गई है या फिर कार्य प्रारंभ कर प्रतिवेदन दिया गया है। स्थिति जनपद सीईओ बेहतर बता सकते हैं।
रोहित सिंह ,एसडीएम कटघोरा
वसूली प्रक्रियाधीन है
यहाँ महज दो प्रकरण दर्ज हैं ,कुछ राशि जमा कराई गई है ।वसूली की स्थिति प्रक्रियाधीन हैं। शासकीय धनराशि की वसूली अत्यंत प्राथमिकता का कार्य है। इस कार्य में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है।
टी आर भारद्वाज ,एसडीएम पोंडी उपरोड़ा
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