कोरबा, 07 नवंबर (वेदांत समाचार)। विवेचना में अभिनव प्रयोग से हत्या के आरोपियों को माननीय न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास से दंडित किया गया । घटना के चश्मदीद साक्षी एवं जप्ती गवाह एक ही गांव व रिश्तेदार होने से मुकरने को आशंका पर पुलिस कर्मचारी को बनाया गया था गवाह ।पुलिस कर्मचारी के बयान के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दंडित किया। पुलिस कर्मचारी के बयान पर तब तक अविश्वास नहीं किया जाना चाहिए ,जब तक कि अविश्वास किए जाने का कोई युक्तियुक्त कारण न हो ।
जानकारी अनुसार थाना लेमरू जिला कोरबा में माह जुलाई वर्ष 2023 में घटित हत्या के 02 मामलों में माननीय न्यायालय द्वारा आरोपियों को आजीवन कारावास एवं सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया गया है । प्रकरण के प्रत्यक्षदर्शी साक्षी आरोपी के रिश्तेदार एक ही गांव के होने से अपने बयान से मुकर गए , विवेचना अधिकारी द्वारा विवेचना टीम मे शामिल आरक्षक को मेमोरेंडम , जप्ती एवं गिरफ्तारी का गवाह बनाया गया था । माननीय न्यायालय में पुलिस आरक्षक द्वारा कार्यवाही की पुष्टि की गई , माननीय न्यायालय द्वारा पुलिस अधिकारियों के बयान के आधार पर आरोपियों को दंडित किया है । मामले में विवेचना अधिकारी द्वारा विवेचना में एक नया प्रयोग किया गया जो सफल रहा ।
अमूमन देखा जाता है कि गंभीर से गंभीर मामलों में भी प्रकरण के चश्मदीद साक्षी अपने बयान से मुकर जाते हैं , जिसके कारण आरोपी दोष मुक्त हो जाते हैं । पुलिस द्वारा विवेचना में किए गए उपरोक्त नवाचार को यदि सभी पुलिस अधिकारियों द्वारा अनुकरण किया जाए तो ऐसे गंभीर मामले के अपराधियों का सजा से बच पाना असंभव होगा ।
यह नवाचार विवेचना अधिकारी उप निरीक्षक कृष्णा साहू द्वारा किया गया, जो वर्तमान में सरकंडा थाना में पदस्थ हैं। इस प्रयोग को अनुकरण करने से गंभीर मामलों में अपराधियों को सजा से बचने की संभावना कम हो सकती है।
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