आज का पंचांग 03 नवंबर 2024: जानें बुधवार का पंचांग, भाई दूज पर तिलक लगाने का समय शुभ मुहूर्त और राहु काल का समय

3 November 2024 Panchang (3 नवंबर 2024 आज का पंचांग): कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है। आज के दिन अनुराधा नक्षत्र रहेगा। भाई दूज के दिन बहने अपने भाई को तिलक लगाती हैं। इस दिन अभिजीत मुहूर्त 11:53 से 12 बजकर 35 मिनट पर रहेगा। आज के दिन राहुकाल का समय सायंकाल 04:30 बजे से 06 बजे तक रहेगा। अब आइए जानें पंचांग के अनुसार तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त क्या होगा।

भाई दूज पर तिलक लगाने का समय
भाई दूज पर भाई को तिलक लगाने का समय 3 नवंबर की दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।

3 November 2024 Panchang
संवत-पिङ्गला विक्रम संवत 2081

माह-कार्तिक ,शुक्ल पक्ष

तिथि- द्वितीया 10:04 pm तक फिर तृतीया

दिवस -रविवार,चित्रगुप्त पूजा

सूर्योदय-06:31am

सूर्यास्त-05:38 pm

नक्षत्र-अनुराधा

चन्द्र राशि -वृश्चिक,स्वामी ग्रह -मङ्गल

सूर्य राशि-तुला,स्वामी ग्रह-शुक्र

करण-बालव

योग: सौभाग्य

शुभ मुहूर्त1अभिजीत-11:53am से 12:35 pm तक।

विजय मुहूर्त-02:21pm से 03:25 pm तक

गोधुली मुहूर्त–06:21pm से 07:21pm तक

ब्रम्ह मुहूर्त-4:08m से 05:09am तक

अमृत काल-06:04am से 07;41am तक

6निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:43से 12:24तक रात

संध्या पूजन-06:22 pm से 07:05pm तक

दिशा शूल -पश्चिम दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें।दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं,यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।

अशुभ मुहूर्तराहुकाल-सायंकाल 04:30 बजे से 06 बजे तक
क्या करें-आज चित्रगुप्त पूजा है। कार्तिक माह की इस पवित्र तिथि को भैया दूज पूजन करें। आज बहुत पावन दिवस है। विष्णु जी के पूजा हेतु उपासना करें। आज हनुमान जी की पूजा करें भगवान राम जी की उपासना भी की जाती है। जीवन को प्रसन्नमय व उन्नतिशील करने के लिए श्री सूक्त का पाठ करें। श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। आरोग्यता के लिए लोग आज हनुमान बाहूक का पाठ कर सकते हैं।आज तुला दान किया जाता है। आज व्रत करने से जन्म जन्मांतर के पाप व वर्तमान रोग नष्ट होते हैं तथा उम्र लंबी होती है। मनोवांछित सफलता की प्राप्ति व आर्थिक उन्नति के लिए संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करें ।आज रविवार है। सूर्योपासना करें। श्री आदित्यह्र्दय स्तोत्र का 03 पाठ करें।

क्या न करें-पिता की किसी भी बात की अवज्ञा मत करें।

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