कोरबा,02नवंबर (वेदांत समाचार )। बिलासपुर में SECL के भू-विस्थापितों ने शुक्रवार को मुख्यालय का घेराव कर जमकर हल्ला बोला। प्रदर्शनकारियों में कुसमुंडा, गेवरा क्षेत्र के लोग शामिल थे। आरोप है कि SECL में अफसरों की मिलीभगत से नौकरी के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है।
प्रदर्शनकारियों के मुताबिक खदान के लिए उनकी जमीन ली गई, लेकिन फर्जी दस्तावेज बनाकर दूसरों को नौकरी दे दी गई है। इनमें मजदूर से लेकर जीएम तक शामिल हैं। पूरे मामले की शिकायत कोल इंडिया तक की गई, लेकिन जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने विस्थापितों को नौकरी देने की मांग की है।प्रदर्शनकारियों का कहना है कि फर्जी दस्तावेजों से नौकरियां करने वाले ज्यादातर लोग चिरमिरी, गेवरा और कुसमुंडा की कोयला खदानों में काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों की लंबी लिस्ट भी बनाई गई है, जिन्हें नियम-कानून को दरकिनार कर नौकरी दे दी गई है।
SECL प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी, जमकर बोला हल्ला
प्रदर्शन करने पहुंचे लोगों ने SECL प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए फर्जी नियुक्ति की जांच कर दोषियों को हटाने और इसके लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। वहीं, क्षेत्र के भू-विस्थापितों को नौकरी देने की मांग की। इस पूरे मामले में SECL का पक्ष जानने के लिए जनसंपर्क अधिकारी सनिश चंद्रा से संपर्क करने की कोशिश की गई। लेकिन, उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
अनुकंपा नियुक्ति में भी किया फर्जीवाड़ा
आंदोलनकारियों ने बताया कि SECL में केंद्र सरकार के अनुकंपा नियुक्ति के नियमों को भी दरकिनार कर दिया गया है। वहीं, अनुकंपा नियुक्ति के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है। SECL में ऐसे लोगों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है, जो इसके लिए पात्र नहीं है। जैसे किसी कर्मचारी के दामाद, भांजा दामाद सहित दूर के रिश्तेदारों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है, जो नियम में ही नहीं है।
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