अलोक पांडेय-कोरबा/कटघोरा 07 जून : अपने उत्कृष्ट सेवा, इलाज और अधोसंरचना के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार हासिल कर चुका कटघोरा का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों अवैध वसूली का अड्डा बन चुका है. विपरित परिस्थितियों में क्षेत्र के गरीबजनों के लिए वरदान साबित होने वाले इस अस्पताल में अब पैसो की अवैध उगाही अपने चरम पर है. यहां वसूली के इस पूरे कारनामे को कोई और नही बल्कि अस्पताल का ड्रेसर ही अंजाम दे रहा है. मरहम पट्टी, प्लास्टर या फिर मामूली स्वास्थ्य समस्या लेकर अस्पताल पहुंचने वाले ग्रामीण और दूर-दराज के मरीजो से दवा और सामान के नाम पर ड्रेसर द्वारा पैसे मांगे जाते है. लम्बे वक़्त से ड्रेसर के खिलाफ इस तरह की शिकायतें मिलती रही बावजूद ना ही अस्पताल प्रबंधन और न यही स्वास्थ्य प्रशासन उनपर कार्रवाई कर रहा. दिलचस्प बात यह है कि वसूलीबाज ड्रेसर राजेन्द्र गेंदले का मूल पद वार्ड ब्याय का यही लेकिन तकरीबन एक दशक से वह बतौर ड्रेसर अस्पताल में सेवाएं दे रहा है. विवादित ड्रेसर गेंदले पर अस्पताल प्रशासन की मेहरबानी ही कहे कि मूलतः कटघोरा विकासखंड के रंजना में पदस्थापित राजेन्द्र गेंदले को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात किया गया जहां उनकी मनमानी अपने चरम पर है.
आज दोपहर मीडियाकर्मियों को बताया गया कि मरीजो से इलाज के नाम पर पैसे लिए गए है. अस्पताल पहुंचने पर बताया गया कि अरदा के भेजिनारा से अपने बेटे गणेश को लेकर प्लास्टर के लिए आई सनवंतीन बाई से ड्रेसर राजेन्द्र कुमार गेंदले ने 12 सौ रुपये ले लिये है. उनसे कहा गया की अस्पताल में पट्टी का इंतज़ाम नही है बाहर से खरीदना होगा. जब परिजनों ने खुद से ही पट्टी खरीद लेने की बात कही तो ड्रेसर ने इनकार कर दिया. 12 सौ हाथ मे आते ही घायल युवक गणेश का प्लास्टर किया गया. परिजनों ने यह भी बताया कि ड्रेसर ने बाहर से कोई सामान नही खरीदा बल्कि अस्पताल के स्टोर से ही पट्टी निकालकर लगाया है. पैसे के एवज में उन्हें न यही कोई पावती दी गई और न यही सामान का बिल. मीडियाकर्मियों ने जब अस्पताल में ड्रेसर राजेन्द्र गेंदले से जानकारी चाही तो वह कुछ कहने से बचते रहे. दबाव बढ़ता देख वो मरीज को पैसे वापिस करने लगे.
इस मामले की शिकायत खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ रुद्रपाल कँवर से भी गई है. वही एसडीएम सूर्यकिरण तिवारी ने भी बीएमओ से पूरे प्रकरण पर सफाई और फिर आरोपी ड्रेसर के खिलाफ यथोचित जांच, कार्रवाई का आश्वासन दिया है. हालांकि पूर्व में भी इस तरह की वसूली मरीजो से की जाती रही है. कार्रवाई नही होने से वसूलीबाज कर्मी के हौसले बुलंद है. दर्जनों बार मरीजों की तरफ से दवा, मरहम-पट्टी के नाम पर उगाही करने की शिकायतें मिल चुकी है.
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