सीमा पार घुसपैठ रुकने पर ही बंगाल में शांति आ सकती है: अमित शाह

नई दिल्ली ,27(वेदांत समाचार) । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि बांग्लादेश से सीमा पार घुसपैठ बंद होने पर ही पश्चिम बंगाल में शांति स्थापित हो सकती है। शाह ने दावा किया कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2026 में पश्चिम बंगाल में सत्ता में आयी तो पड़ोसी देश से अवैध आव्रजन रोका जाएगा। अमित शाह ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर पेट्रोपोल भू-पत्तन पर नए यात्री टर्मिनल और एक मैत्री द्वार का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में ये बात कही।

शाह बोले- भूमि बंदरगाह की भूमिका अहम
अमित शाह ने कहा कि ‘क्षेत्र में शांति स्थापित करने में भू पत्तन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब सीमा पार लोगों की वैध आवाजाही की कोई गुंजाइश नहीं होती है, तो आवाजाही के अवैध तरीके सामने आते हैं, जिसका असर देश की शांति पर पड़ता है। मैं बंगाल के लोगों से आग्रह करता हूं कि 2026 में परिवर्तन लाएं और हम घुसपैठ रोकेंगे तथा शांति स्थापित करेंगे।’ शाह ने कहा, ‘घुसपैठ रुकने पर ही बंगाल में शांति आ सकती है। दोनों देशों के बीच संबंध तथा संपर्क सुधारने में भूमि बंदरगाह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध भी बढ़ाते हैं।’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार देर रात कोलकाता पहुंचे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बंगाल के वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। अमित शाह आज कोलकाता में एक संगठनात्मक बैठक भी करने वाले हैं। अमित शाह की कोलकाता यात्रा के बारे में भाजपा नेताओं ने बताया कि शाह यहां भाजपा के सदस्यता अभियान का शुभारंभ भी करेंगे।

जिस भू-पत्तन टर्मिनल का केंद्रीय गृह मंत्री ने उद्घाटन किया है, उसमें वीआईपी लाउंज, ड्यूटी फ्री दुकान, बुनियादी चिकित्सा सुविधा जैसी विभिन्न आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। रोजाना 20,000 यात्रियों की क्षमता वाला यह नया टर्मिनल 59,800 वर्ग मीटर में बना है।

70 फीसदी कारोबार का जरिया
भारत की पेट्रापोल और बांग्लादेश की बेनापोल क्रॉसिंग व्यापार और यात्री आवागमन दोनों ही नजरिये से दोनों देशों के लिए सबसे अहम जमीनी सीमा चौकियों में से एक है। दोनों देशों के बीच लगभग जमीन के जरिये होने वाला 70 फीसदी कारोबार इसी से होता है। यह गृह मंत्रालय की एक शाखा भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण के तहत काम करता है। यह भारत का आठवां सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय आव्रजन बंदरगाह भी है। यह भारत और बांग्लादेश के बीच सालाना 23.5 लाख से अधिक यात्रियों की आवाजाही की सुविधा देता है।

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