नई दिल्ली,27 फ़रवरी 2025 : दुनिया भर में कैंसर के रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है और इसके कारण होने वाली मृत्यु दर भी बहुत अधिक है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक नए अध्ययन के अनुसार, भारत में कैंसर का पता चलने के बाद लगभग पांच में से तीन लोग मर जाते हैं।
यह बहुत गंभीर मामला है. और वैज्ञानिकों ने आशंका व्यक्त की है कि अगले 25 वर्षों में यह संख्या काफी बढ़ सकती है। उन्होंने कहा है कि 2050 तक भारत में कैंसर से होने वाली मृत्यु दर 109% तक पहुंच सकती है। यदि यह सच होता तो इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बहुत अधिक होती।
भारत में मृत्यु दर बहुत अधिक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईसीएमआर का एक नया अध्ययन कहता है कि भारत में करीब 65 फीसदी कैंसर मरीजों की मौत होती है। यह दर बहुत अधिक है, क्योंकि चीन में कैंसर के कारण मृत्यु दर 50% है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में यह 23% है। इसका मतलब यह है कि भारत में पांच में से तीन लोग कैंसर से पीड़ित होने के बाद भी अपनी जान गंवा रहे हैं। आईसीएमआर का यह अध्ययन द लैंसेट रीजनल-साउथईस्ट एशिया जर्नल में प्रकाशित हुआ है। चीन में कैंसर रोगियों की संख्या विश्व में सबसे अधिक है। इस सूची में अमेरिका दूसरे स्थान पर है और भारत तीसरे स्थान पर है। भारत में हर साल लाखों लोग कैंसर से मरते हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
आंकड़े क्या कहते हैं?
आईसीएमआर का यह अध्ययन ग्लोबोकैन 2022 के आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है। यह एक ऑनलाइन डेटाबेस है जो 185 देशों से कैंसर संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराता है। आईसीएमआर का कहना है कि बच्चों (0-14 वर्ष) और युवाओं (15-49 वर्ष) में कैंसर की घटना 0.1% से 2.3% है। अतः, इसके कारण होने वाली मृत्यु दर 0.08% से 1.3% है। मध्यम आयु (50-69 वर्ष) और वृद्धावस्था (70 वर्ष या उससे अधिक) में कैंसर होने का जोखिम 8.3% से 10.3% है। इसके कारण होने वाली मृत्यु दर 5.5% से 7.6% है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि पिछले दो दशकों में भारत में कैंसर से होने वाली मृत्यु दर में वृद्धि हुई है।
भविष्य में क्या होगा?
वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले वर्षों में कैंसर के मामलों और मौतों की संख्या में वृद्धि जारी रहेगी। 2022 से 2050 तक मृत्यु दर 64.7 से बढ़कर 109.6 हो जाने का अनुमान है। आईसीएमआर ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में भारत को कैंसर पर नियंत्रण पाने में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या और मौतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बजट 2025-26 में देश के सभी 759 जिलों में डे केयर कैंसर सेंटर शुरू करने की योजना बनाई है। जहां कीमोथेरेपी, आवश्यक दवाएं और बायोप्सी सेवाएं उपलब्ध होंगी।