दिल्ली, 17 अक्टूबर 2024 – कोरबा सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने कोल एंड स्टील माइंस संसदीय कमेटी की बैठक में एसईसीएल के भूविस्थापितों और प्रभावितों की समस्याओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने कमेटी को लिखित ज्ञापन सौंपा, जिसमें कोरबा जिले में एसईसीएल की कोयला खदानों के मुद्दों का समाधान करने का अनुरोध किया गया है।
सांसद महंत ने बताया कि एसईसीएल की कोयला खदानों के कारण ग्रामीणों को मुआवजा नहीं मिलना, मुआवजे की दरें पुरानी होना, बसाहट और नौकरी नहीं मिलना, पूर्ण गांव का अधिग्रहण नहीं करना, आउटसोर्सिंग को बढ़ावा देना और सार्वजनिक विकास में काम नहीं करना जैसी समस्याएं हैं।
उन्होंने कमेटी से अनुरोध किया है कि:
- वन टाइम सेटलमेंट के माध्यम से लंबित रोजगार मामलों का निराकरण किया जाए।
- एसईसीएल में कोल इंडिया पॉलिसी 2012 को वापस लिया जाए और हर खाते में स्थाई रोजगार प्रदान किया जाए।
- भू विस्थापित परिवारों के युवाओं को खदान परिक्षेत्र में वैकल्पिक रोजगार दिया जाए।
- फंक्शनल डायरेक्टर्स मीटिंग के निर्णय को सराईपाली सहित सभी खदानों में लागू किया जाए।
- बजट के लिए 10 डिसमिल जमीन और 25 लाख रुपये की राशि दी जाए।
- शासन के योजनाओं से प्राप्त पट्टों/शासकीय/वन भूमि पर बने मकानों का मुआवजा दिया जाए।
- आशिक अधिग्रहण को रद्द कर गांव का संपूर्ण अर्जन किया जाए।
- खदान बंद होने पर पुराने अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापस किया जाए।
सांसद महंत ने कहा कि इन मुद्दों का समाधान करने से एसईसीएल के भूविस्थापितों और प्रभावितों की समस्याएं हल हो सकती हैं।
[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]
[metaslider id="347522"]