‘मैंने दबाव और असफलताओं के साथ जीना सीख लिया’, पहला टी20 अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने के बाद बोले सैमसन

हैदराबाद। भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन ने कहा कि उन्होंने शीर्ष स्तर की क्रिकेट में दबाव और असफलताओं के साथ जीना सीख लिया है। उन्होंने टीम प्रबंधन का भी आभार व्यक्त किया जिसने उन्हें विषम परिस्थितियों से बाहर निकलने और खुद को साबित करने के लिए एक और मौका दिया। सैमसन ने अपनी योग्यता के साथ पूरा न्याय करते हुए बांग्लादेश के खिलाफ शनिवार को यहां टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला शतक जड़ा, लेकिन इससे पहले का उनका सफर अच्छा नहीं रहा था।

शुरुआती दो टी20 में कुछ खास नहीं कर पाए थे सैमसन
सैमसन श्रीलंका के खिलाफ दो मैच में खाता भी नहीं खोल पाए थे जबकि बांग्लादेश के खिलाफ शुरुआती दो मैच में भी उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। सैमसन ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘श्रीलंका के खिलाफ दो मैच में खाता नहीं खोलने के बाद मुझे अगली सीरीज में मौका मिलने को लेकर थोड़ा संदेह था, लेकिन उन्होंने (कोचिंग स्टाफ और कप्तान) मुझ पर भरोसा बनाई रखा। वे कहते रहे कि वे समर्थन करना जारी रखेंगे।’

‘भारत के लिए खेलते हुए दबाव मुक्त नहीं रह सकते’
इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने स्वीकार किया कि भारत की तरफ से खेलते हुए आप दबाव से मुक्त नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि एक भारतीय क्रिकेटर के रूप में मानसिक रूप से आप बहुत कुछ झेलते हैं, खासकर इस प्रारूप (टी20) में। लेकिन मैंने दबाव और असफलताओं से निपटना सीख लिया है। मुझे लगता है कि इसका काफी श्रेय ड्रेसिंग रूम, नेतृत्व समूह, कप्तान और कोच को जाना चाहिए जिन्होंने मेरा समर्थन करना जारी रखा।’

सैमसन ने गंभीर का किया जिक्र
सैमसन ने कहा कि मुख्य कोच गौतम गंभीर ने उन्हें बांग्लादेश सीरीज के दौरान सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाने के टीम प्रबंधन के फैसले के बारे में पहले ही बता दिया था। उन्होंने कहा, ‘मैं भाग्यशाली था कि गौतम भाई, सूर्यकुमार (यादव) और अभिषेक नायर (सहायक कोच) ने तीन सप्ताह पहले ही मुझे सूचित कर दिया था कि बांग्लादेश के खिलाफ मैं पारी की शुरुआत करूंगा। इससे मुझे उचित तैयारी करने में मदद मिली।’

आईपीएल में नई गेंद को खेलने का जमकर किया अभ्यास
सैमसन ने कहा, ‘इसके बाद मैं राजस्थान रॉयल्स अकादमी में गया और मैंने वहां नई गेंद के गेंदबाजों के खिलाफ जमकर अभ्यास किया। इससे मुझे मदद मिली। मुझे लगता है कि मैं इस सीरीज में किसी भी अन्य सीरीज की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक तैयार होकर आया था।’ सैमसन ने कहा कि अपनी भूमिका को लेकर स्पष्टता से उन्हें अपने खेल को लेकर अधिक जागरूकता हासिल करने में मदद मिली।

‘अपने खेल को अच्छी तरह समझता हूं’
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने खेल को अच्छी तरह से समझता हूं कि मैं एक से लेकर छह नंबर तक किसी भी स्थान पर बल्लेबाजी कर सकता हूं। मेरे पास बड़े शॉट लगाने के लिए जरूरी ताकत है और मेरी टाइमिंग भी अच्छी है। इसलिए यह सब मेरी भूमिका के अनुसार तैयारी करने से जुड़ा हुआ है।’ सैमसन ने कहा, ‘जब आप असफलताओं का सामना करते हैं तो यह कहना आसान होता है कि अगले मैच में मैं रन बनाऊंगा। लेकिन मैं जानता हूं कि मैं किस तरह का व्यक्ति हूं। मुझे अपनी तरह से सफल या असफल होना पसंद है। यह सब खुद के प्रति ईमानदार होने से जुड़ा है।’