जल जगार महोत्सव : छत्तीसगढ़ में पहली बार गंगरेल बांध में किया गया ड्रोन का सामूहिक प्रदर्शन

350 ड्रोन से आकाश में लिखी गई जल संरक्षण की इबारत


धमतरी 07 अक्टूबर (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी महानदी के किनारे रविशंकर जलाशय क्षेत्र में जल जगार महोत्सव का दो दिवसीय आयोजन 5 एवं 6 अक्टूबर को जिला प्रशासन की ओर से किया गया। इसमें विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और गतिविधियां की गईं। इन्हीं में से एक सामूहिक ड्रोन प्रदर्शन, जिसमें आसमान में जल की विविध उपयोगिता और उसे बचाने की कवायद सम्मिलित है। छत्तीसगढ़ में ड्रोन का सामूहिक प्रदर्शन पहली बार रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध में किया गया।

जल जगार महोत्सव में आईआईटी दिल्ली से आई टीम द्वारा 350 ड्रोन का एक साथ उपयोग कर आकाश में अलग अलग एनीमेशन और आकृतियां उकेरी गईं। टीम लीड कर रहे अतुल शेरावत ने बताया कि बोट लैब दिल्ली द्वारा प्रोफेसर डॉ. सरिता अहलावत के मार्गदर्शन में ड्रोन समूह तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि इसकी विशेषता यह है कि इसमें स्वदेशी तकनीकी से ड्रोन की सभी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर टेक्नोलॉजी विकसित की गई है और यह पहली बार है जब छत्तीसगढ़ में इतनी बड़ी तादाद में ड्रोन शो किया गया। टीम के समन्वयक पुष्पक गुप्ता ने बताया कि 15 मिनट के ड्रोन शो में सभी 350 ड्रोन द्वारा एक साथ विभिन्न आकृतियां बनाई गईं, जिनमें भगवान शंकर की जटा से मां गंगा की उत्पत्ति, पानी में खिलता कमल, पानी पीता हुआ प्राणी, प्रस्फुटित हो रहे पौधे के तल के नीचे पानी, हाथ में दिया जैसी आकृतियां सम्मिलित हैं। अंत में जल जगार लिखी हुई आकृति ड्रोन द्वारा बनाई गई। उन्होंने बताया कि इन सभी ड्रोन्स को ऑपरेटर यशवंत सिंह सोनी द्वारा एक साथ ऑपरेट किया गया। ड्रोन ना भटके इसके लिए जिओ फेंसिंग टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया जाता है। इस प्रकार सामूहिक ड्रोन शो से जल संरक्षण के जागरूकता का संदेश इस दो दिवसीय महोत्सव के दौरान दिया गया।

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