उपराष्ट्रपति के निजी हैंडल को ट्विटर ने किया अनवेरिफाइड, हटाया ब्लू टिक

0 विवाद बढ़ने के बाद कंपनी ने बहाल की सेवाएं


नई दिल्ली । माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर की ओर से उपराष्ट्रपति समेत अन्य आरएसएस नेताओं के निजी हैंडल को अनवेरिफाइड करने और ब्लू टिक हटाने पर बढ़े विवाद के बाद कंपनी ने फिर से सेवाएं बेहाल कर दी है। कंपनी ने ब्लू टिक को लागू कर दिया है। दरअसल, ट्विटर ने उपराष्ट्रपति एम वेैंकेया नायडू के ट्विटर अकाउंट को अनवेरिफाइड कर उससे ब्लू टिक हटा दिया था। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शीर्ष अधिकारियों के निजी हैंडल को भी अनवेरिफाइड कर दिया था। इस खबर को लेकर लोगों ने कंपनी के खिलाफ नाराजगी जाहिर की थी। यूजर्स ने कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है। इसके बाद कंपनी ने 10 घंटे के भीतर ही फिर से पहले की तरह सेवा बहाल कर दी है। 


इससे पहले ट्विटर ने आरएसएस के सह-सरकार्यवाह (ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी) अरुण कुमार, संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी समेत अन्य नेताओं के निजी हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया था। इस पर लोगों ने आपत्ति जताई थी । एक भाजपा नेता ने कहा कि ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटाकर भारत के संविधान पर हमला बोला है। 

लोगों ने जताई नाराजगी


ट्विटर की शर्तों के मुताबिक यदि कोई यूजर्स अपने हैंडल का नाम बदलता है या किसी का अकाउंट डेड और अधूरा हो जाता है। इसके अलावा  यूजर शुरू में जिस नाम से अपना अकाउंट बनाया था, उस दौरान कंपनी की ओर सत्यापित किया जाता है, लेकिन काफी समय बाद तक वह चालू नहीं रहता तो उस स्थिति में कंपनी उसे अनवेरिफाइड कर देती है। ट्विटर द्वारा नेताओं के अकाउंट अनवेरिफाइड करने को लेकर लोग कंपनी के विरुद्ध खासे नाराज दिख रहे हैं। 


ट्विटर ने नई गाइडलाइंस मानी


बता दें कि  ट्विटर भारत सरकार की सोशल मीडिया कई नई गाइडलाइन मानने को तैयार हो गया है। बीते दिनों  ट्विटर ने दिल्ली हाई कोर्ट में बताया कि उसने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 का अनुपालन कर लिया है और 28 मई को ही उसने शिकायत अधिकारी को भी नियुक्त कर दिया है। 

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]