छत्तीसगढ़ में कंपनी के बाल्को (BALCO) प्लांट और ओडिशा स्थित कंपनी की झारसुगुड़ा यूनिट में बनाए जाने वाले प्रोडक्ट्स के लिए मिला है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय तथा खान मंत्रालय ने 31 अगस्त, 2023 को ही विशेष साझेदारी के तहत एल्युमीनियम और इसकी मिश्र धातुओं के लिए नए गुणवत्ता नियंत्रण नियम नोटिफाइ किया है। अनिवार्य रूप से बीआईएस प्रमाणीकरण के लिए सरकार द्वारा 26 सितंबर, 2024 तक की समय सीमा दी गई थी लेकिन, वेदांता एल्युमीनियम ने इसे पहले ही अपने प्रोडक्ट्स का प्रमाणीकरण करवा लिया।
वेदांता एल्यमुमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्युमिनियम उत्पादक कंपनी है। साल 2023-24 के दौरान कंपनी ने 23.7 लाख टन एल्युमिनियम धातु का उत्पादन किया जो कि यहां बने एल्युमिनियम का आधा से भी ज्यादा है। तभी तो इसकी गिनती दुनिया के टॉप 10 एल्युमिनियम प्रोड्यूसर कंपनियों में होती है। यह दुनिया के 60 देशों में एल्युमिनियम का निर्यात करती है।
वेदांता एल्युमीनियम का दावा है कि वह इन प्रोडक्ट्स के लिए बीआईएस प्रमाणन (BIS Certification) प्राप्त करने वाली भारत की पहली और एकमात्र कंपनी है।
देश में एल्युमिनियम (Aluminium) बनाने वाली वैसे तो कई कंपनियां हैं। इनमें सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं। लेकिन, देश में सबसे ज्यादा एल्युमिनियम बनाने का श्रेय वेदांता ग्रुप की वेतांदा एल्युमिनियम को है। इसने एक और कमाल किया है। इसने तय समय से पहले ही इन प्रोडक्ट्स के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड (BIS) के स्टेंडर्ड को अपनाते हुए उसका प्रमाणपत्र हासिल कर लिया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने भारत में बेचे जाने वाले सभी एल्युमिनियम वायर रॉड्स और रोल्ड प्रोडक्ट्स को भारतीय मानक ब्यूरों द्वारा सर्टिफिकेशन प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का है आदेश
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाले उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने एल्युमिनियम प्रोडक्ट्स के बारे में एक विशेष आदेश जारी किया है। यह आदेश बीते 26 सितंबर से ही देश भर में लागू हो गया है। इसके मुताबिक भारत में बेचे जाने वाले सभी एल्युमीनियम वायर रॉड्स और रोल्ड प्रोडक्ट्स, जैसे- शीट्स, प्लेट्स और स्ट्रिप्स को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित किया जाना अनिवार्य है।
[metaslider id="347522"]