बालोद, 4 जून। बालोद जिले के दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिवार आज बोतल में एसिड-पेट्रोल लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे। वे अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलने से नाराज थे। उन्होंने प्रशासन को आगाह किया कि वे आत्महत्या का रास्ता भी अपना सकते हैं। वहां अफसर के नहीं मिलने पर वे कलेक्टे्रट जाने लगे। तभी इसकी सूचना मिलने पर रास्ते में एसडीएम राम सिंह ठाकुर ने महिलाओं से चर्चा की और ज्ञापन दिया। साथ ही सोमवार को कलेक्ट्रेट आने के लिए कहा।
दरअसल बालोद जिले में 36 ऐसे परिवार जिनके घर का मुखिया शिक्षाकर्मी थे। वर्ष 2018 के पहले उनके परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई है और वह पिछले लगभग 10 वर्षों से प्रशासन व शासन का चक्कर काट रहे हैं, परंतु अब तक उन्हें महज आश्वासन मिला है। आज महिलाएं हाथों में पेट्रोल-एसिड की बोतल लेकर प्रशासन को आगाह करने पहुंचे।
कहते हैं पढ़ाई करो
हाथों में पेट्रोल और एसिड लेकर पहुंची महिलाओं ने बताया कि वे पिछली सरकार में भी रायपुर से लेकर जिला प्रशासन तक की दौड़ लगा चुके हैं और वर्तमान सरकार में भी पंचायत मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक संपर्क कर रहे हैं, परंतु किसी ने उनकी बात नहीं सुनी है। वहीं उन्हें बीएड करने सहित अन्य तरह-तरह की सलाह दिए जाते हैं, परंतु इन परिवारों का कहना है कि उनके पास तो अभी लालन-पालन को पैसे नहीं है। वे आगे की पढ़ाई कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे भी हैं, और उनका भी जीवन हमें देखना पड़ता है। सरकार से अब तक किसी तरह का कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिल पाया है।
अधिकारी नहीं देते तवज्जो
पीडि़त परिवारों ने बताया कि यहां के अधिकारी उन्हें किसी तरह की कोई तवज्जो नहीं देते। बालोद जिले के सभी अधिकारियों के पास में अपनी समस्या लेकर पहुंच चुके हैं परंतु यहां के अधिकारी समय नहीं देते। यहां पहुंचे पीडि़त परिवारों ने अपनी व्यथा बताई और महिलाओं ने कहा कि यहां पर हमें पढ़ाई करने के लिए कहते हैं और यहां पर हमारा जीवन यापन करना दूभर हो गया है। हमारे पास आत्महत्या के अलावा अब कोई रास्ता नहीं बचा है। सभी ने एक स्वर में बड़े घटना की चेतावनी दी।
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