उर्वरक घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में सांसद गिरफ्तार

नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित उर्वरक घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले और 685 करोड़ रुपए की रिश्वत के मामले की जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं राज्यसभा सदस्य अमरेंद्र धारी सिंह को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि 61 वर्षीय सांसद और कारोबारी सिंह को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत यहां डिफेंस कॉलोनी स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि सिंह को हिरासत में कब लिया गया। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 2007-14 के बीच इफको के प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी और इंडियन पोटाश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक परविंदर सिंह गहलोत के प्रवासी भारतीय बेटों तथा अन्य द्वारा विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से कथित तौर पर 685 करोड़ रुपए का अवैध कमीशन हासिल करने के मामले की जांच कर रहा है। इन लोगों पर अगस्तावेस्टलैंड मामले में आरोपी राजीव सक्सेना की मदद से हुए लेन-देन के जरिए यह कमीशन लेने का आरोप है।

अधिकारियों ने बताया कि ऐसा कहते हैं कि सिंह इस मामले में संलिप्त फर्म ‘ज्योति ट्रेडिंग कॉरपोरेशन’ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि धनशोधन के संबंध में उनकी भूमिका ईडी की जांच के दायरे में है और अदालत से उनकी हिरासत हासिल करने के बाद एजेंसी उनसे आगे पूछताछ करेगी। अधिकारियों ने सीबीआई की प्राथमिकी का अध्ययन किया, जिसके बाद ईडी का मामला दर्ज किया गया। सीबीआई ने इस मामले में पिछले महीने कम से कम एक दर्जन स्थलों पर छापे मारे थे। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि लेन-देन में एक जटिल नेटवर्क के जरिए उर्वरकों और कच्ची सामग्रियों के आपूर्तिकर्ताओं से कमीशन लिया गए।


एजेंसी के मुताबिक अवस्थी और गहलोत को दिए गए कमीशन को छिपाने के लिए कंसल्टेंसी समझौतों की आड़ में घुमावदार रास्तों से ये अवैध लेन-देन किए गए। गहलोत ने कथित तौर पर बढ़ी हुई कीमतों पर उर्वरकों और कच्ची सामग्रियों का आयात किया। अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मामले में रिश्वत भेजने के लिए कथित तौर पर इसी तरह के तौर-तरीके का इस्तेमाल किया गया था जिसमें सक्सेना के खिलाफ जांच चल रही है। इफको कई राज्यों में काम करने वाली सहकारी कंपनी है, जबकि आईपीएल उसकी एक अनुषंगी है जो उन उर्वरकों की आपूर्ति करती है जिनकी कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार सब्सिडी देती है। सीबीआई का आरोप है कि 2007-14 के बीच ऊंची सब्सिडी हासिल करने के लिए अवस्थी और गहलोत ने एक आपराधिक साजिश के तहत विभिन्न विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से बढ़ी हुई कीमतों पर उर्वरकों का आयात किया जिनमें दोनों के कमीशन शामिल थे। सीबीआई के मुताबिक कमीशन के पैसे अमेरिका में रहने वाले अवस्थी और गहलोत के बेटों और अन्य आरोपियों के जरिए भारत से बाहर भेजे गए। प्राथमिकी के मुताबिक सक्सेना और उसके सहयोगियों ने अपने समूह की कंपनियों के खाते और जैन, गहलोत के बेटे विवेक, अवस्थी के बेटे अमोल एवं ए डी सिंह के निजी खातों में 60 रुपए प्रति डॉलर की लेन-देन दर पर करीब 685 करोड़ रुपए (11.43 करोड़ डॉलर) का अवैध कमीशन हासिल किया।

प्राथमिकी में कहा गया कि जानकारी मिली है कि रिश्वत के पैसे यू एस अवस्थी के बेटों अमोल अवस्थी एवं अनुपम अवस्थी और परविंदर सिंह गहलोत के बेटे विवेक गहलोत को मिले। तीनों अमेरिका में रहने वाले प्रवासी भारतीय हैं। सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है कि अमोल अवस्थी एवं अनुपम अवस्थी और विवेक गहलोत को उनके स्वामित्व वाली कंपनियों के खातों में या नकदी के रुप में जैन के रेयर अर्थ ग्रुप के जरिए करीब 8.02 करोड़ डॉलर (करीब 481 करोड़ रुपए) और बाकी 3.41 करोड़ डॉलर (करीब 204 करोड़ रुपए) मिले।

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