तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम के रूप में बांटे जाने वाले लड्डूओं में जानवरों की चर्बी मिलने और कथित अनियमततओं की जांच के लिए सीएम नायडू ने एक विशेष जांच टीम को गठित करने का फैसला किया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए नायडू ने मीडिया को बताया कि हम एक विशेष जांच दल का गठन कर रहे हैं। एसआईटी इस मामले की गहराई से जांच करके हमें रिपोर्ट सौंपेगी, जिससे की दोषियों को सजा दी जा सके और भविष्य में ऐसी किसी भी घटना से बचा जा सके।
इसके अलावा सीएम ने राज्य के सभी मंदिरों के लिए जल्दी ही सफाई अभियान शुरू करने की घोषणा की। सीएम ने पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके शासन के दौरान तमाम अनियमितताएं हुई हैं। हमारी सरकार उस सिस्टम को साफ करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में तिरुमाला में कई गैर-पवित्र चीजें की गईं हैं, हम उनकी जांच करेंगे और उनको साफ करेंगे। नायडू ने अपनी पार्टी के कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मंदिरों में जो कुछ भी घटा है उसके बाद सफाई जरूरी है। उन्होंहने कहा कि तिरुपति लड्डूओं में पशु चर्बी की मिलावट के आरोपों के बाद से सरकार अपने अगले कदमों के बारे में संतों, पुजारियों और हिंदू धर्म के अन्य शीर्ष विशेषज्ञों से परामर्श करेगी।
इसके साथ ही सीएम नायडू ने आरोप लगाया कि उनके पिछले मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए मंदिरों का इस्तेमाल किया और अपने करीबियों को मंदिरों के ट्रस्टों में ऊंचे पदों पर बैठाया।
यह मामला तब चर्चा में आया था जब सीएम नायडू ने पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके शासन के दौरान तिरूपति मंदिर में बंटने वाले प्रसाद में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता है। अपनी इस बात को साबित करने के लिए मुख्यमंत्री ने गुजरात की एक लैब की रिपोर्ट को भी सामने रखा था जिसमें यह बताया गया था वाईएसआर कांग्रेस के शासन काले के दौरान तिरुपति के मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी के अंश मिले थे।
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