रांची। झारखड की हेमंत सरकार ने पान मसालों की बिक्री और उपयोग पर एक साल के लिए और बैन बढ़ा दिया है. इससे पहले सरकार ने वर्ष 2020 में एक साल के लिए पान मसालों की ब्रिकी पर रोक लगा दी थी. सोमवार को एक आदेश के तहत अगले एक साल के लिए और इसे बढ़ा दिया गया है. टेस्ट में 11 प्रमुख ब्रांड के पान मसालों में प्रतिबंधित मैग्नीशियम कार्बोनेट पाये जाने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया था।
बता दें कि राज्य सरकार ने 11 ब्रांड के पान मसाला (रजनीगंधा, विमल, शिखर, पान पराग, दिलरुबा, राजनिवास, सोहरत, मुसाफिर, मधु, बहार, पान पराग प्रीमियम) पर टेस्ट में प्रतिबंधित मैग्नीशियम कार्बोनेट पाये जाने के बाद प्रतिबंध लगा दिया है. यह प्रतिबंध राज्य के विभिन्न जिलों से प्राप्त 41 पान मसाला के नमूनों के जांच में हानिकारक मैग्निशियम कार्बोनेट की मात्रा पाये जाने के कारण लगायी गयी है।
मालूम हो कि पिछले साल स्टेट टोबैको कंट्रोल को-ऑर्डिनेशन कमेटी में राज्य में पान-सिगरेट और तंबाकू उत्पाद बेचनेवालों को लाइसेंस लेने का प्रावधान किया गया था. वहीं, सरकारी नौकरी पानेवालों को तंबाकू सेवन नहीं करने का शपथ पत्र देना अनिवार्य किया था. मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में हुई इस को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में लिये गये निर्णय को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया था।
झारखंड में पान मसालों के साथ सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, खैनी, जर्दा, गुटका और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उपयोग पर आगामी 27 जुलाई, 2021 तक के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. सरकार ने अब इसे बढ़ा कर एक साल और कर दिया है. यानी अब 2022 तक पान मसालों के साथ अन्य तंबाकू उत्पाद पर बैन लगा दिया है. साथ ही बिक्री, स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा रहेगा।
[metaslider id="347522"]