मोदी कैबिनेट ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी दी

दिल्ली 19 सितंबर वेदांत समाचार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों के लिए परिपूर्णता लक्ष्य को अपनाकर जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु 79,156 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्सा: 56,333 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सा: 22,823 करोड़ रुपये) के कुल परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी दी।

बजट भाषण 2024-25 की घोषणा के अनुरूप इसमें लगभग 63,000 गांव शामिल होंगे, जिससे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ होगा। इसमें 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय बहुल 549 जिले और 2,740 ब्लॉक के गांव शामिल होंगे।

2011 की जनगणना के अनुसार भारत में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 10.45 करोड़ है और देश भर में 705 से अधिक जनजातीय समुदाय हैं, जो दूरदराज और पहुंच से दूर क्षेत्रों में रहते हैं। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का उद्देश्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को भरना और पीएम जनमन (प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान) की सीख और सफलता के आधार पर जनजातीय क्षेत्रों एवं समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है।

इस मिशन में 25 कार्यक्रम शामिल हैं, जिन्हें 17 मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। प्रत्येक मंत्रालय/विभाग अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत उन्हें आवंटित धनराशि के माध्यम से अगले 5 वर्षों में समयबद्ध तरीके से इससे संबंधित योजना के कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी होगा, ताकि निम्नलिखित लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके:

लक्ष्य-I: सक्षम बुनियादी ढांचे का विकास:

पात्र परिवारों के लिए पक्का घर और अन्य सुविधाएं:  पात्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) परिवारों को पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत नल के पानी (जल जीवन मिशन) और बिजली आपूर्ति (आरडीएसएस) की उपलब्धता के साथ पक्के आवास मिलेंगे। पात्र एसटी परिवारों की आयुष्मान भारत कार्ड (पीएमजेएवाई) तक भी पहुंच होगी।

गांव के बुनियादी ढांचे में सुधार: एसटी बहुल गांवों (पीएमजीएसवाई) के लिए सभी मौसम में बेहतर सड़क संपर्क, मोबाइल कनेक्टिविटी (भारत नेट) और इंटरनेट तक पहुंच प्रदान करना, स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा में सुधार के लिए बुनियादी ढांचा (एनएचएम, समग्र शिक्षा और पोषण) सुनिश्चित करना।

लक्ष्य-2: आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना:

कौशल विकास उद्यमिता को बढ़ावा देना और आजीविका (स्वरोजगार) में सुधार करना- प्रशिक्षण (कौशल भारत मिशन/जेएसएस) तक पहुंच प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना कि एसटी समुदाय के छात्र/छात्राएं हर साल 10वीं/12वीं कक्षा के बाद दीर्घकालिक कौशल पाठ्यक्रमों तक पहुंच प्राप्त करें। इसके अलावा, जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (टीएमएमसी) के माध्यम से विपणन सहायता, पर्यटक गृह प्रवास, कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन के माध्यम से एफआरए पट्टा धारकों को सहायता प्रदान करना।

लक्ष्य-3: सभी की अच्छी शिक्षा तक पहुंच:

(iv) शिक्षा- स्कूल और उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाना और जिला/ब्लॉक स्तर पर स्कूलों में जनजातीय छात्रावासों की स्थापना करके एसटी छात्रों (समग्र शिक्षा अभियान) के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सस्ती और सुलभ बनाना।

लक्ष्य-4: स्वस्थ जीवन और सम्मानजनक वृद्धावस्था:

स्वास्थ्य- एसटी परिवारों की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना, शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) में राष्ट्रीय मानकों को हासिल करना और उन स्थानों, जहां स्वास्थ्य उपकेंद्र मैदानी क्षेत्रों में 10 किमी से अधिक और पहाड़ी क्षेत्रों में 5 किमी से अधिक हैं, वहां मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से टीकाकरण का कवरेज (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन)।

इस अभियान के तहत शामिल जनजातीय गांवों को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर मैप किया जाएगा और संबंधित विभाग अपनी योजना के अनुसार आवश्यकताओं के अंतरों का पता लगाएंगे।। पीएम गति शक्ति प्लेटफॉर्म पर भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी की जाएगी और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा।