दिल्ली। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम के दौरान नर्सिंग पेशेवरों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार 2024 प्रदान किए। कुल 15 नर्सों को समुदाय के प्रति कर्तव्य और सेवा के प्रति उनकी उत्कृष्ट प्रतिबद्धता के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल और अन्य महानुभाव भी उपस्थित रहे। विजेताओं को बधाई देते हुए जेपी नड्डा जी ने कहा कि यह सम्मान सार्वजनिक जीवन में सीमाओं को आगे बढ़ाने में उन्हें प्रेरित करेगा। उन्होंने यह भी कहा, ‘नर्स भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी हैं। समाज को प्रदान की गई सराहनीय सेवाओं के लिए नर्सों और नर्सिंग पेशेवरों को सम्मानित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से वर्ष 1973 में राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार की स्थापना की गई थी।
पंजीकृत सहायक नर्स एवं मिडवाइफ, पंजीकृत नर्स एवं मिडवाइफ व पंजीकृत महिला आगंतुक की श्रेणियों में कुल 15 पुरस्कार दिए गए। ये पुरस्कार केंद्र, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश और स्वैच्छिक संगठनों में कार्यरत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नर्सिंग कर्मियों को दिए गए। अस्पताल या सामुदायिक सेटिंग में, शैक्षणिक या प्रशासनिक सेटिंग में नियमित रूप से नौकरी वाले/वाली नर्स इस पुरस्कार के योग्य हैं। प्रत्येक पुरस्कार में मेरिट प्रमाण पत्र, 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और मेडल शामिल है।
नर्स स्वास्थ्य तंत्र की रीढ़ की हड्डी हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व के अंतर्गत भारत सरकार ने नर्सिंग और मिडवाइफ की शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए कई पहल की हैं। मेडिकल कॉलेजों के साथ सह-स्थान पर नर्सिंग के 157 कॉलेजों की स्थापना और नर्सिंग शिक्षा एवं अभ्यास में सुधार के लिए राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग के गठन जैसी प्रमुख पहल से पूरे देश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ मिलेंगी।
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