रायपुर में SBI के AGM आभास सतपथी ने बेटी की मौत की जांच CID से कराने की मांग की है। उनका कहना है कि आरोपी की राजनीतिक पहुंच हैं। ऐसे में संदेह है कि इस मामले में उन्हें उचित न्याय नहीं मिलेगा। इसलिए उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग की है। दरअसल, AGM की बेटी श्रेष्ठा सत्यपथी (21) की 1 अगस्त को सड़क हादसे में मौत हो गई थी। स्कूटी सवार श्रेष्ठा को प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप के ओएसडी की पत्नी ने कार से टक्कर मार दी थी। अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया था। इसके बाद आरोपी शिखा अग्रवाल ने कार खम्हारडीह थाने में ले जाकर खड़ी कर दी।
शुरुआती जांच की कोई जानकारी नहीं
आभास सतपथी ने कहा कि इस मामले की शुरुआती जांच में किस तरह की कार्रवाई हुई है। इस बात कि उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या पुलिस ने आसपास के CCTV फुटेज की जांच की है? पुलिस जांच में क्या नए फैक्ट सामने आए है? ये सब साफ होना चाहिए।
परिजनों ने आगे कहा कि इस मामले को करीब 40 दिन बीत गए हैं। अब तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि उन्हें शंका है कि कहीं जांच को प्रभावित करने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा है। जो आरोपी है उसकी राजनीतिक पहुंच के कारण उन्हें ऐसा शक है। उन्होंने केस की जांच में तेजी लाने की बात की है।
एक्सीडेंट के बाद SUV का चालक मौके से भाग गया। लेकिन पुलिस को SUV मिल गई है।
क्या हुआ था.. पूरा मामला जानिए
पुलिस के मुताबिक, 21 साल की श्रेष्ठा सत्यपथी अमलतास सोसाइटी की रहने वाली थी। वह स्कूटी में गुरुवार सुबह करीब 11 बजे घर से VIP रोड होते हुए तेलीबांधा चौक की ओर जा रही थी। तभी सर्विस रोड पर सामने से आ रही SUV हेक्टर से भिड़ंत हो गई।
SUV गाड़ी को शिखा अग्रवाल नाम की महिला चला रही थी। एक्सीडेंट में श्रेष्ठा के सिर और नाक पर गंभीर चोट आई थी। वो पिता के लिए दवाई लेने जा रही थी। हादसे के बाद श्रेष्ठा स्कूटी से नीचे गिर गई। जिससे उसकी नाक और सिर पर गंभीर चोट आई और खून बहने लगा।
श्रेष्ठा के पिता अवेश सत्यपथी SBI बैंक में AGM के पद पर है।
युवक-युवतियों ने की मदद
एक्सीडेंट के बाद कार चालक मौके से भाग गई। वहां से गुजर रहे एक युवक-युवती ने श्रेष्ठा को अस्पताल पहुंचाया। लेकिन उसके सिर से लगातार खून बह रहा था। जिस वजह से उसने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।
SUV चालक ने गाड़ी थाने पर छोड़ी
जानकारी के मुताबिक, एक्सीडेंट के बाद SUV चालक शिखा अग्रवाल ने कुछ देर बाद गाड़ी को खम्हारडीह थाने में जाकर खड़ी कर दी थी। जिस वजह से BNS के नए कानून के हिसाब से हिट एंड रन का केस नहीं बना। जिससे आरोपी को थाने से जमानत मिल गई।
कौन है शिखा अग्रवाल
इस मामले की आरोपी शिखा अग्रवाल, राज्य सेवा के अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल की पत्नी है। तीर्थराज अग्रवाल वर्तमान में वन मंत्री केदार कश्यप के ओएसडी हैं। हादसे के दौरान शिखा अग्रवाल खुद कार चला रही थी।
इसमें एक बात यह भी सामने आई थी कि घटना के 10 दिन पहले ही कार को रॉन्ग साइड चलाने की वजह से चालान भी हुआ था।
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